इस वजह से बबीता 19 सालों तक रही दूर
कपूर खानदान की कभी किसी भी महिला को फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं थी। रणधीर कपूर से शादी करने के बाद एक्ट्रेस बबीता ने भी परिवार के दबाव में आकर अपना करियर ख्तम कर लिया था। फिर 1974 में करिश्मा और 1980 में करीना का जन्म हुआ। बबीता ने रणधीर से शादी के लिए अपने करियर को दाव पर लगाया दिया था , इस बात को सोच कर उन्होंने अपनी दोनों बेटियों के फिल्मी करियर को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बबीता ने रणधीर से दोनों बच्चियों के फिल्मी करियर की बात कही तो रणधीर ने तुरंत मना कर दिया तब बबीता बिना तलाक के ही दोनों बच्चियों को लेकर अलग हो गईं और उनके फिल्मी करियर को बनाने में अहम रोल अदा किया।
ऐसे हुई रणधीर के करियर की शुरुआत
रणधीर के फिल्मी करियर की पहली सीढी़ बनी फिल्म 'श्री 420' और 'दो उस्ताद' । इन दोनों ही फिल्मों में रणधीर कपूर ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अभिनय किया था। इन दोनों फिल्मों की शूटिंग के वक्त रणधीर की उम्र सिर्फ 8 साल थी। बाद में उन्होंने निर्देशन में हाथ आजमाने के लिए 1971 में आई फिल्म 'कल आज और कल' का निर्देशन किया। इस फिल्म की सबसे खास बात ये है की इस फिल्म में कपूर खानदान की तीनों पीढि़यां एक साथ बडे़ पर्दे पर नजर आई थीं। फिल्म में एक्ट्रेस बबीता का भी अहम रोल था। कहा जाता है की इसी फिल्म से दोनों के बीच प्यार शुरु हुआ। इस फिल्म के बाद रणधीर ने जीत, हमराही, जवानी दीवानी, लफंगे और पोंगा पंडित जैसी फिल्मों में काम किया था।
रणधीर के निर्देशन में आखिरी फिल्म
साल 1991 में आई फिल्म 'हिना' रणधीर कपूर के निर्देशन में बनी आखिरी फिल्म थी। दरअसल इस फिल्म में रणधीर कपूर को नहीं बल्कि उनके पिता राज कपूर को निर्देशन करना था। राजकपूर के पिता और रणधीर कपूर के बाबा की मृत्यू हो जाने पर राजकपूर ने इस फिल्म के निर्देशन का भार रणधीर कपूर के कंधों पर डाल दिया। बता दें की रणधीर कपूर के निर्देशन में बनी ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।
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