RANCHI: बीजेपी के टिकट पर झारखंड के फ‌र्स्ट चीफ मिनिस्टर बने व झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के 14 साल का वनवास सोमवार को खत्म हो गया और वह अपने पुराने घर(भाजपा) में लौट आए हैं। उनके साथ झाविमो के कई पदाधिकारियों ने भी भाजपा को ज्वाइन किया। मौके पर सेंट्रल होम मिनिस्टर और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने बाबूलाल मरांडी का पार्टी में माला पहनाकर स्वागत किया। धुर्वा साथ ही कहा कि बाबूलाल को भाजपा हमेशा से अपना मानती रही है। स्थित जगन्नाथ मैदान में आयोजित भव्य मिलन समारोह में बड़ी संख्या में भाजपा के नेता-कार्यकर्ताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, वरिष्ठ नेता कडि़या मुंडा समेत अन्य नेतागण मौजूद थे।

सदन से संसद तक संघर्ष करेगी भाजपा

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कई सालों बाद बाबूलाल मरांडी ने फिर से भाजपा का निशान लेकर घर वापसी की है। भाजपा और पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से मैं बाबूलाल मरांडी और उनके कार्यकर्ताओं का स्वागत करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि आपको कभी नहीं महसूस होगा आप बाहर से यहां आए हैं। कुछ कारणों से बाबूलाल मरांडी भाजपा छोड़ गए थे। सत्ता के बगैर कैसे रहा जा सकता है, ये बाबूलाल ने दिखा दिया। भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद 2014 से ही मैं प्रयास कर रहा था कि बाबूलाल मरांडी पार्टी में आ जाएं। थोड़े जिद्दी हैं, नहीं माने। लेकिन अब हम सभी की इच्छा के अनुसार वो भाजपा में आ गए हैं। बाबूलाल के आने से पार्टी और स्थानीय नेतृत्व की ताकत बढ़ेगी। सत्ता में रहने के दौरान जो काम भाजपा ने किया, विपक्ष में रहते उससे ज्यादा काम पार्टी करेगी। उन्होंने कहा कि चाईबासा घटना की रिपोर्ट मुझे मिली है, ऐसी हत्या मैंने अपने जीवन में नहीं देखी। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा ही चलता रहा तो प्रदेश की जनता के लिए भाजपा सदन से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी।

ट्विटर पर चल रही हेमंत सरकार: बाबूलाल

इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम कहीं गए नहीं थे। 14 साल में लगभग छह से सात लाख किमी घूमा। जनता की तकलीफ को देखा और समझा है। इस यात्रा में मेरे साथ लोग मिले। विषम परिस्थितियों में साथ दिया, उनका धन्यवाद करता हूं। भाजपा में आने का प्रयास पार्टी की ओर से कई बार हुआ। पार्टी जो भी काम देगी, उसे ईमानदारी से पूरा करूंगा। झाड़ू लगाने का काम मिलेगा तो वो भी करूंगा। उन्होंने कहा। डेढ़ महीने से झारखंड सरकार ट्विटर पर चल रही है। सीएम कह रहे हैं कि खजाना खाली है। काम करते नहीं है, कहते हैं खजाना खाली है। इस प्रदेश में बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी को हटाने के लिए काम करना चाहिए। भाजपा ने योजनाओं के जरिए किसानों को आर्थिक मदद देने का काम किया है, लेकिन इन योजनाओं को हेमंत सरकार खत्म करने की बात कह रही है। प्रदेश में रोज हत्या हो रही है, उग्रवाद सिर उठा रहा है। सरकार से आम लोगों की इच्छा अमन चैन की होती है। ऐसा नहीं होगा तो राज्य कभी प्रगति नहीं कर सकता।

2006 में भाजपा से अलग हुए थे बाबूलाल

माना जा रहा है कि भाजपा में झाविमो के विलय के बाद पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकता है। बाबूलाल मरांडी ने 14 साल बाद भाजपा में घर वापसी की है। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आरएसएस के पूर्व नेता हैं। 2006 में भाजपा से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी बना ली थी। हालांकि उनकी पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और लगातार गिरता गया। 2009, 2014 और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को 11, आठ और तीन सीटों पर ही जीत मिली।