- उत्तरकाशी के चुंगी बड़ेथी में गंगोत्री हाईवे पांच घंटे रहा बंद, केदारनाथ व यमुनोत्री हाईवे दिनभर रहे सुचारू

- फ्राइडे को पैदल रास्ता बनने से 1000 यात्रियों को पैदल निकाला गया, खुद के वाहनों से नहीं लौट पा रहे यात्री

DEHRADUN: पहाड़ों में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। चार धाम यात्रा मार्गो में भूस्खलन के कारण यात्री परेशान हैं। चमोली के लामबगड़ में भूस्खलन से बंद बद्रीनाथ हाईवे फ्राइडे को भी नहीं खुल पाया। लोक निर्माण विभाग मलबा हटाने के काम पर जुटा है। यहां किसी तरह यात्रियों की पैदल आवाजाही शुरू की गई है। वाहनों के लिए हाईवे के सैटरडे शाम तक ही खुलने की उम्मीद है। खुद के वाहनों से बद्रीनाथ की यात्रा करने वालों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। पैदल मार्ग तैयार होने पर करीब एक हजार यात्रियों को लामबगड़ भूस्खलन जोन से आवाजाही कराई गई। वहीं, उत्तरकाशी के चुंगी बड़ेथी में गंगोत्री हाईवे पांच घंटे बंद रहा। केदारनाथ व यमुनोत्री हाईवे दिनभर सुचारू रहे। उधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे में पहाड़ों में कुछ हिस्सों में तेज बारिश हो सकती है।

भूस्खलन से बंद हुआ था हाईवे

चमोली के लामबगड़ में थर्सडे सुबह बद्रीनाथ हाईवे भूस्खलन के कारण चट्टान का मलबा गिरने से बंद हो गया था। बारिश के कारण सड़क को खोलने का काम शुरू नहीं हो पाया था। फ्राइडे को मौसम साफ होने पर हाईवे से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। पैदल आवाजाही के लिए लामबगड़ में अलकनंदा नदी के किनारे पैदल मार्ग का निर्माण किया गया। बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों ने पांडुकेश्वर व लामबगड़ में वाहन छोड़कर पैदल ही आवाजाही की।

केंद्रीय टीम ने लिया जायजा

केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने फ्राइडे को उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित आराकोट और चमोली के घाट क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान टीम ने आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। सात सदस्यीय टीम ने आराकोट के मोल्डी गांव का दौरा कर प्रभावितों से हालचाल जाना। आराकोट राहत कैंप में रह रहे प्रभावितों से भी केंद्रीय टीम के सदस्यों ने बातचीत की। उत्तरकाशी के डीएम आशीष चौहान ने बताया कि आराकोट में आई आपदा में 95 हेक्टेयर कृषि भूमि भूस्खलन की चपेट में आई है। 175 हेक्टेयर मलबा आने से बर्बाद हुई है, जिससे 9.84 करोड़ का नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य परिसंपत्ति में 1.90 करोड़ का नुकसान हुआ है। जल संस्थान की 29 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। ऊर्जा निगम के 610 पोल, 8 ट्रांसफार्मर तथा 34 किमी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। आंतरिक सड़क व पुल की करीब 22 करोड़ की क्षति हो गई है। आपदा से 197 छोटे-बड़े पशुओं की हानि हुई है तथा 15 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम में आपदा प्रबंधन के संयुक्त सचिव संजीव कुमार ¨जदल ने जल्द सहायता का आश्वासन दिया। इसके बाद केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित चमोली के घाट क्षेत्र का भी जायजा लिया। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने केंद्रीय टीम को आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी।