- किशोरों के पास कहां से पहुंचा ऑफीशियल दस्तावेज?

- प्रोवेशन विभाग की भूमिका पर सवाल, अधीक्षक पर उठ रही उंगली

- आवाज देते रहे परिजन, मिलने नीचे उतरकर नहीं आए किशोर

Meerut : बुधवार को पेशी से वापस लौटने के महज एक घंटे बाद किशोरों ने तांडव शुरू कर दिया। स्टॉफ को खदेड़ दिया और संप्रेषण गृह और बाल सदन को कब्जा लिया। पूरे घटनाक्रम पर में किशोरों का विरोध उभरकर सामने आ रहा था तो वहीं प्रोवेशन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठ रही थी। आखिर अति संवेदनशील दस्तावेज किशोरों के हाथ कैसे लगा? प्रोवेशन विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

पेशी पर गए थे बागपत

संप्रेषण गृह में निरुद्ध बागपत के आठ किशोरों को बुधवार पेशी पर ले जाया गया था। यहां रात्रि साढ़े नौ बजे किशोर पेशी से वापस पहुंचे। एक किशोर की रिहाई भी होनी थी। कुछ खा-पी रहे थे। इसी बीच बातचीत हुई और रसोइया समेत स्टाफ को संप्रेषण गृह से खदेड़कर किशोरों ने उसे कब्जा लिया। तफ्तीश में निकलकर आया कि पेशी के दौरान बागपत के किशोर और बंदी एक ही वाहन से कोर्ट में पेशी के लिए जाते हैं।

बाल सदन में बच्चे शिफ्ट

संप्रेषण गृह की इमारत को कब्जे में लेकर किशोर बाहर निकले और बाल सदन को खाली करने का अल्टीमेटम जारी कर दिया। आनन-फानन में बाल सदन के 21 बच्चों को लालकुर्ती स्थित नारी निकेतन में शिफ्ट कर दिया गया। बाल सदन स्थित मंडलीय उप परिवीक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीति सगर के ऑफिस को क्षतिग्रस्त कर दिया। दस्तावेज खुर्द-बुर्द कर दिए।

इनसेट

'जागेंगे तभी तो करेंगे बात'

अपराह्न चार बजे पुलिस-प्रशासन वार्ता का प्रयास कर रहा था तो वहीं छत पर बैठे किशोरों ने ऐलान किया कि 'अभी बॉस सो रहे हैं, जागेंगे तो बात करेंगे.' छत पर निगरानी को बैठे छोटे किशोरों का इशारा उन 'गुरुओं' की ओर था जो हंगामा कराते हैं। चेले छत पर निगरानी कर रहे थे तो दबंग गुरु आराम से सो रहे थे। दबाव बनाया तो किशोरों ने चीखकर बोला कि हम 'कहीं नहीं जाएंगे, यहीं मरेंगे.' उपद्रवी पुलिस अफसरों को गालियां देते रहे तो वहीं आसपास रह रहे घरों में पत्थरबाजी करते रहे।

मोबाइल देने की कोशिश में पकड़ा

हंगामा बढ़ गया तो प्रोवेशन विभाग ने किशोरों के पेरेंट्स को बुला लिया। बुलावे पर पहुंचे करीब 30 पेरेंट्स भी दो घंटे तक परिसर में परेशान रहे। करीब दो घंटे बाद एक-दो किशोर नीचे उतरकर आए। बागपत से आए एक किशोर के भाई ने उसे मोबाइल देने की कोशिश की। मौजूद स्टाफ ने देख लिया तो एडीएम सिटी ने जमकर फटकार लगाते हुए मोबाइल को कब्जे में ले लिया।

दैनिक जागरण के वरिष्ठ फोटोग्राफर घायल

किशोरों के पथराव और बवाल की कवरेज दैनिक जागरण के वरिष्ठ फोटोग्राफर मदन मौर्य कर रहे थे। इसी दौरान किशोरों ने उन पर भी पत्थर बरसा दिए। एक पत्थर उनके चेहरे पर लगने से वे घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। एसपी सिटी को निगरानी के लिए लगाया है। अब तो संप्रेक्षण गृह के शिफ्ट होने का इंतजार है।

जे रविंद्र गौड़, एसएसपी मेरठ