-फुफेरे भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर प्रेमी को गोली से उड़ाया

-पुलिस ने 11 दिन में वारदात का खुलासा कर चारों हत्यारे पकड़े

BAREILLY: पुर्तगाल में रहने वाले शख्स को जब पता चला कि उसकी पत्‍‌नी के राजमिस्त्री से अवैध संबंध हैं तो उसने अपने फुफेरे भाई के साथ मिलकर राजमिस्त्री को रास्ते से हटाने की प्लानिंग कर ली। प्लानिंग के बाद वह पुर्तगाल रवाना हो गया। उसके बाद फुफेरे भाई ने अपने साले व उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर राजमिस्त्री को गोली से उड़ा दिया। पुलिस ने मुखबिर व सर्विलांस की मदद से चारों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारोपियों को गुनाह करने का कोई मलाल नहीं है।

14 अप्रैल को हुआ मर्डर

एसपी रुरल डॉ। सतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 14 अप्रैल की शाम को काम से घर वापस लौट रहे मुडलिया गौस, अमरिया पीलीभीत निवासी राजमिस्त्री इमरान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इमरान की लाश रोड किनारे खेत में पड़ी मिली थी। परिजनों ने शक के आधार पर मोनू, पिंदर और विजेंद्र के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में संदिग्ध नंबर और मुखबिर की सूचना पर पडरा वीरान, बहेड़ी निवासी जितेंद्र सिंह उर्फ काके को गिरफ्तार कर लिया।

बदनामी की वजह से प्लानिंग

पुलिस पूछताछ में काके ने बताया कि कंथरिया बहेड़ी निवासी उसका ममेरा भाई गुरजीत सिंह उर्फ मोनू 3 से 4 वर्षो से पुर्तगाल में रहकर जॉब करता है। घर पर गुरजीत की पत्‍‌नी और पिता रहते हैं। गुरजीत के मकान की गुमटी बनाने का काम राजमिस्त्री इमरान ने किया था। इस दौरान इमरान के अवैध संबंध गुरजीत की पत्‍‌नी के साथ हो गए। इमरान और गुरजीत की पत्नी साथ-साथ भी घूमने लगे। जिससे परिवार की काफी बदनामी होने लगी। यही नहीं इमरान काके की पत्‍‌नी पर भी गंदी नजर रखने लगा। इस बारे में गुरजीत को पता चला तो वह बरेली आया। उसने काके के साथ मिलकर पत्‍‌नी और इमरान दोनों को काफी समझाया।

समझाने पर भ्ाी नहीं माना

काके ने बताया कि काफी समझाने पर भी इमरान नहीं माना और उसने कहा कि चाहें कुछ हो जाए, वह महिला को नहीं छोड़ेगा। जिससे चलते गुरजीत और काके ने इमरान की हत्या की प्लानिंग कर ली। गुरजीत ने काके से कहा कि चाहें जितना भी खर्चा हो वह कर देगा और अपने पिता को लेकर वापस पुर्तगाल चला गया। इस दौरान गुरजीत की पत्‍‌नी भी रिश्तेदारी में चली गई लेकिन उसका इमरान से मिलना जारी रहा। काके प्लान के तहत इमरान से बातचीत करता रहा ताकि उसे शक न हो। उसने प्लान में जमगैन अमरिया निवासी अपने साले कुलविंदर सिंह और उसके दोस्त सितारगंज निवासी जसविंदर उर्फ सोनू और अमरिया निवासी जीवनप्रीत को शामिल कर लिया। उसके बाद 14 अप्रैल को जैसे ही इमरान काम करके जा रहा था तो काके ने साथियों को बता दिया और फिर रास्ते में बाइक से घेरकर सोनू ने बाइक गिराकर दो राउंड फायर किए। जिसमें एक गोली लगने से इमरान की मौत हो गई।