कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Bahula Chaturthi 2021 बहुला चतुर्थी का व्रत संतान के लिए रखा जाता है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ या बहुला चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह व्रत 25 अगस्त, दिन बुधवार को पड़ रहा है। चतुर्थी तिथि 25 अगस्त 2021को अपराह्न 04:20 बजे प्रारंभ होगी। इसके बाद 26 अगस्त 2021 शाम 05:15 बजे समाप्त होगी। मान्यता है कि बहुला चतुर्थी का व्रत रखने से संतान के ऊपर आने वाले कष्ट मिट जाते हैं। इसलिए ही माताएं इस व्रत को रखती हैं। इसके अलावा संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। इतना ही नहीं इस व्रत को करने से शारीरिक व मानसिक कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।
बहुला चाैथ पूजन
बहुला चतुर्थी व्रत में गौ-पूजन और कृष्ण पूजन का बड़ा महत्व है। इस व्रत में गाय और शेर की मिट्टी से बनी प्रतिमा की पूजा करने का विधान प्रचलित है। बहुत चौथ के दिन सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ कपड़े पहनना चाहिए। पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम के समय गणेश, गौरी माता, कृष्ण जी एवं गौ माता की विधिविधान से पूजा करनी चाहिए। बहुला चाैथ के व्रत के दौरान ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। बहुला चतुर्थी व्रत में गेंहू और चावल से निर्मित चीजों का सेवन वर्जित होता है।
बहुला चाैथ कथा
बहुला चाैथ से जुड़ी वैसे तो कई कथाएं कही जाती हैं लेकिन यह कथा काफी ज्यादा प्रचलित हैं। कहते हैं भगवान कृष्ण को बहुला गाय से बड़ा स्नेह था। एक बार उनके मन में बहुला की परीक्षा लेने का विचार आया। इस पर वह शेर का रूप लेकर प्रकट हुए थे। बहुला जो अपने बछड़े को खिलाने के लिए घर वापस आ रही थी। घर जाने के रास्ते में उसे शेर मिल गया। शेर ने कहा कि वह उसे अपना शिकार बनाएगा। इस पर वह शेर से डर गई लेकिन हिम्मत करके उसने कहा कि उसे अपने बछड़े को खाना खिलाना है। वह बछड़े को खिलाकर उसके पास वापस आ जाएगी, इसके बाद वह उसे खा सकता है। उसकी यह बात सुनकर शेर ने उसे जाने दिया और वापस आने का इंतजार करने लगा। गाय ने जब वापसी की तो यह देखकर शेर बहुत खुश हुआ और उसकी अपने बच्चे के प्रति प्रतिबद्धता देखकर काफी खुश हुआ। गाय के इस कदम से प्रभावित होकर शेर ने उसे मुक्त कर दिया और उसे वापस जाने दिया। इसलिए इस दिन बहुला चतुर्थी का उत्सव मनाते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'