- अलग-अलग जिलों से आए बच्चों ने सीएम के सामने उठाये कई सवाल

- सीएम अखिलेश बोले, बोले विकास के प्रति जागरूक

LUCKNOW: शुक्रवार को विधानभवन के सेंट्रल हाल में नजारा वास्तव में संसद जैसा था। यहां सरकार सामने थी और विपक्ष की भूमिका में थे अलग-अलग जिलों से आये स्कूलों के बच्चे। बच्चों ने भी दिल खोल कर न सिर्फ सीएम अखिलेश यादव के सामने अपनी बात रखी, बल्कि कई तीखे सवाल भी सरकार के सामने रेज किये। बाल विकास एवं संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा उनकी वाइफ और सांसद डिंपल यादव, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां और बाल विकास एवं संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन जूही सिंह मौजूद रहीं।

मन की बात नहीं, दिल की बात

कार्यक्रम शुरू हुआ और संचालक ने पूरे कार्यक्रम का इंट्रोडक्शन कराया। उन्होंने जब यह कहा कि बच्चे अपने मन की बात करने यहां आये हैं, तो सीएम ने टोकते हुए कहा कि मन की बात नहीं दिल की बात करने आये हैं। उनके इशारे और भाव को समझ कर बच्चे भी ठहाका लगाने लगे।

बच्चों ने दिल खोलकर रखी अपनी बात

इस मौके पर बच्चों ने दिल खोलकर अपनी बात रखी। डीपीएस नोएडा से आये क्लास 7 के स्टूडेंट अंशुमत दिनेश ने कुपोषण जैसे गंभीर विषय पर अपनी बात रखी। अंशुमत ने कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इंडिया में कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या ऊंचे पायदान पर है। सिर्फ इंडिया में ही 2.3 करोड़ बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। अंशुमत ने सरकार को इसके दूरगामी परिणाम और किस तरह से इसे कंट्रोल किया जाए, इसके भी सुझाव दिये।

गांवों तक नहीं पहुंच रही योजनाएं

अलीगढ़ से आये मोहम्मद अनस ने आजम खां के डिपार्टमेंट पर हमला बोलते हुए कहा कि अलीगढ़ में कूड़ों का अंबार है। नालियां गंदी पड़ी हैं, सफाई कर्मचारी आते नहीं हैं। अनस ने यह भी कहा कि देश की तरक्की के लिए पढ़ाई बहुत जरुरी है। बहराइच के पवन कुमार ने कौशल विकास का मुद्दा उठाया। पवन ने कहा कि जो योजनाएं कौशल विकास के क्षेत्र में चलायी जा रही हैं, वह गांवों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। सरकार को आगे आना चाहिए और अधिक प्रचार प्रसार किया जाए। बच्चों को शिक्षा के प्रति अवेयर किया जाए और गांवों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएं।

1090 पर नहीं लगती कॉल

वाराणसी से आयी यासमीन ने अपने दिल की बात सीएम को बतायी। यासमीन बाल उत्पीड़न के बारे में कहा कि जब भी मैं स्कूल जाती थी तो कुछ दबंग बच्चे मेरे पीछे पड़ गये। स्कूल छोड़ना पड़ गया। पापा ने घर पर बैठा दिया। मैंने 1090 पर भी काल किया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। फिर मानवाधिकार आयोग में अर्जी लगानी पड़ी।

मूलभूत सुविधाएं रहीं अहम मुद्दा

पूरी बाल संसद के दौरान विकास के मुद्दे छाये रहे। बलरामपुर के शमशाद ने कहा कि प्रदेश सरकार की कई अच्छी योजनाएं हैं लेकिन ग्रामीणों तक यह योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। कहा कि अधिकारियों को महीने में ना सही साल में एक बार जरूर गांव तक जाकर सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत जाननी चाहिए।

प्रदेश सरकार हर स्कूल को मुहैय्या करायेगी फुटबॉल

स्कूलों में खेलकूद के बारे में सीएम से किये गये सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूलों में क्लास सिक्स से ऊपर के क्लासेस में एक फुटबाल मुहैय्या करायेगी। उन्होंने कहा कि फुटबाल सबसे अच्छा गेम है।

सरकार करेगी बच्चों के लिए काउंसिलिंग पर विचार

एक बच्चे ने सवाल किया कि कौशल विकास योजना बहुत अच्छी है, लेकिन बहुत से बच्चे होते हैं, जिन्हें नहीं पता होता कि उन्हें आगे क्या करना है। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि सवाल अच्छा है। जल्द ही इस पर वह निर्णय लेंगे। वहीं सांसद डिंपल यादव ने कहा कि इस बच्चे की सलाह अच्छी है। इसके लिए मुख्यमंत्री कदम उठायेंगे। इससे काफी लोगों को फायदा होगा।

कुपोषण के लिए प्रदेश सरकार लाएगी अलग बिस्किट

एक सवाल के जवाब में डिंपल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार कुपोषित बच्चों के लिए उनकी रिक्वायरमेंट के अनुसार एक ऐसा बिस्किट लाने जा रही है जिससे उन्हें फायदा होगा।

तब मिलती है दीमक लगी किताबें

सीएम अपनी स्पीच दे रहे थे। तभी अचानक एक बच्चे ने खड़े होकर कहा कि आप बच्चों की पढ़ाई की बात कर रहे हैं और स्कूलों का हाल यह है कि आधा सेशन निकलने के बाद किताब मुहैय्या करायी जा रही है। वह भी किताब ऐसी कि उसमें दीमक लगा हुआ होता है।

हफ्ते में एक दिन मिलेगा मिड-डे-मील में फल

एक बच्चे ने मिड-डे-मील पर सवाल किया कि यह सिर्फ सरकारी स्कूलों तक क्यों? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हम एजुकेशन को बेहतर बना रहे हैं। आप भी आ जाओ क्योंकि आने वाले दिनों में हम हफ्ते में एक दिन फल भी देने जा रहे हैं।

शुरुआत अपने घर से करो

इस मौके पर नोएडा से आये एक बच्चे हैप्पी शर्मा ने कहा कि शादी ब्याह में होने वाले खर्च को कम करके गरीबों को देना चाहिए। लाखों रुपये खर्च कर दिये जाते हैं और दूसरी ओर लोग भूखे सो जाते हैं। सरकार ऐसा कदम क्यों नहीं उठाती जिससे शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची कम की जा सके। इसके जवाब में विधान सभा स्पीकर ने कहा कि बेटा बैठ जाओ, जब तुम्हारी शादी होगी तब ऐसा ही करना। अपने पापा से कहना कि यह खर्चा फिजूल है।

यह एक अच्छा संकेत

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बच्चों के सवाल का जवाब देते हुऐ कहा कि यह अच्छा संकेत है कि बच्चे प्रदेश के विकास के प्रति जागरूक है। छात्रों की उचित राय को अमल में लाने की कोशिश की जायेगी। आज भी ज्यादातर छात्र अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते है। उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। छात्रों ने जो काउंसिलिंग की बात की है, उसे अमल में लाया जायेगा। सरकार छात्रों की काउंसिलिंग के लिए एक निजी संस्था से संपर्क करेगी तकि उसके काउंसलर स्कूलों में जाकर छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा सके।