कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बांग्लादेश के पूर्व क्रिकेट कप्तान मशरफे बिन मुर्तजा ने अपने देश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हालिया हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि यह "वह वो लाल और हरा नहीं है जिसे हम देखना चाहते थे"। सोमवार को बांग्ला में लिखे गए एक फेसबुक पोस्ट में मुर्तजा ने कहा कि यह पूरे देश की क्षति है। “हमने कल दो नुकसान देखे। एक थी बांग्लादेश क्रिकेट टीम की, जिनको मिली हार दर्दनाक थी। दूसरा पूरे बांग्लादेश के मौजूदा हालत जिसने मेरा दिल चकनाचूर कर दिया। यह वह लाल और हरा नहीं है जिसे हम देखना चाहते थे। कितने सपने, कितनी मेहनत एक झटके में खो गई। अल्लाह हमारा मार्गदर्शन करे।” उन्होंने हिंसा की एक तस्वीर भी शेयर की।

हिंदुओं के 29 घरों में लगाई आग
मुर्तजा ने जिन "दो हारों" का उल्लेख किया, वे थे टी 20 विश्व कप में स्कॉटलैंड के लिए बांग्लादेश टीम की हार, और रंगपुर में रविवार की सांप्रदायिक हिंसा, जहां हिंदुओं के कम से कम 29 घरों में आग लगा दी गई थी। कथित तौर पर बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव तब और बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कोमिला के नानुआ दिघिर पार में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान की एक प्रति रखी गई थी। तब से लेकर अब तक देश में विभिन्न जगहों से तोड़फोड़ की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने दावा किया कि पिछले सप्ताह कोतवाली, चट्टोग्राम में एक दुर्गा मूर्ति को तोड़ा गया था, जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसी दिन ढाका के रुस्तमपुर गांव में एक और मूर्ति को तोड़ दिया गया था, और एक अन्य घटना जोयपुरहाट से हुई थी।

475 लोग किए गए गिरफ्तार
पिछले हफ्ते कोमिला की सीमा से लगे चांदपुर के हाजीगंज उप-जिले में भी तोड़फोड़ ने हिंसा को उकसाया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। चौथे व्यक्ति ने बाद में दम तोड़ दिया। इससे पहले, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भी हिंसा की निंदा की थी और कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में कम से कम 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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