जहां फ्रांस की मैरियन बार्तोली से उनकी खिताबी भिड़ंत होगी. विंबलडन-2010 के बाद यह पहला मौका है, जब सेरेना ने किसी टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया है. तेरह बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन सेरेना ने इसी साल विंबलडन का सेमीफाइनल खेलने वाली जर्मन प्लेयर साबिने लिस्की को 6-1, 6-2 से हराया. लिस्की पर जीत के लिए फॉर्मर नंबर वन प्लेयर को महज 59 मिनट लगे.

‘green’ revolution

दिखाई टॉप लेवल की फॉर्म

चोट और बीमारी के कारण सेरेना पिछले 11 महीनों से कोर्ट पर नहीं उतरी थी. इसके अलावा इसी हफ्ते उनकी वल्र्ड रैंकिंग्स में भी भारी गिरावट हुई थी और वह 169वीं पायदान पर लुढक़ गई थीं. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने गजब की फॉर्म दिखाते हुए मारिया शारापोवा को क्वार्टर फाइनल्स में शिकस्त दी. लिस्की के खिलाफ सेमीफाइनल मैच वापसी के बाद उनका महज 10वां मैच था, लेकिन फिर भी उन्होने अपने गेम का लेवल उठाते हुए विंबलडन की सेमीफाइनलिस्ट को एक घंटे के अंदर दो सर्विस विनर्स के साथ जीत दर्ज की.

‘green’ revolution

बार्तोली का पलड़ा भारी

डब्ल्यूटीए वेबसाइट के मुताबिक, बार्तोली को फाइनल में प्रवेश करने के लिए वॉकओवर मिला, क्योंकि आठवीं सीड स्लोवाकिया की डोमिनिका सिबुलकोवा ने पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण हटना पड़ा. हालांकि फाइनल में बार्तोली का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में विंबलडन के प्रि. क्वार्टर फाइनल के दौरान सेरेना को सीधे सेट्स में शिकस्त दी थी.

inextlive from News Desk