मेरठ के सहकारी बैंक के 100 साल पूरे होने पर आयोजित सहकारी चेतना सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय मंत्री

Meerut। वेस्ट यूपी की बैंक ईमानदारी से किसानों का काम करते हैं, इसलिए इनका विलय नहीं होना चाहिए। पश्चिम के लोग ईमानदारी से काम कराएं और पूरब के लोग घाटे में बैंक चलाएं यह सही नहीं है। यह तो ऐसे ही हो गया जैसे हम कमाएं आप खाएं। इसलिए वेस्ट यूपी के बैंकों का विलय नहीं होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री डॉ। संजीव बालियान के इस बयान पर गुरुवार को सीसीएस यूनीवर्सिटी का बृहस्पति भवन सभागार तालियों से गूंज उठा। वे मेरठ की सहकारी बैंक के 100 साल पूरे होने पर आयोजित 'सहकारी चेतना सम्मेलन' बोल रहे थे।

मेरठ का उत्तम बैंक है

केंद्रीय मंत्री डॉ। संजीव बालियान ने कहा कि सहकारी बैंक मेरठ का उत्तम बैंक है, जिसका अपना एक इतिहास है। ईमानदारी की मिसाल पेश करनी वाली इस बैंक ने गत 100 वर्षो में देश की आजादी से पहले की वेस्ट यूपी के विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस दौरान शुभकामनाएं दीं। आयोजन की अध्यक्षता भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने की जबकि संचालन बैंक के अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने किया। आयोजन के विशिष्ट अतिथि प्रबंध निदेशक सहकारी ग्राम विकास बैंक आंद्रे वामसी ने कहाकि अंतरराष्ट्रीय बाजार का अध्ययन कर बड़े मेले और बाजारों का अनुभव हासिल करें। ज्वाइंट रजिस्ट्रार एनके सिंह ने कहा कि 100 वर्ष बैंक के कीर्तिमान होने में सभी का बराबर का योगदान है। बैंक के सचिव दिवाकर सिंह ने बैंक की रिपोर्ट पढ़ी और प्रगति की जानकारी दी।

बैंक की 53 शाखाएं

बैंक के अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने बताया कि दो मेज से शुरू हुई बैंक की मौजूदा समय में 53 शाखाएं काम कर रही हैं। इस दौरान 25 सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। वहीं दोपहर में बैंक सभागार में बोर्ड बैठक आयोजित की गई। जिसका संचालन अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने किया।