क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:स्टेट के बैंक अब फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के रडार पर हैं. राज्य में नक्सलियों ने लेवी के करोड़ों रुपए बैंकों में फर्जी अकाउंट खुलवाकर जमा किए हैं. लेवी की राशि से रांची सहित बड़े शहरों में चल-अचल संपत्ति बनाई है. कई नक्सली इस पैसे से बड़े कारोबारी, ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर बन गए हैं. एनआईए, आईबी, सीआईडी, ईडी और राज्य पुलिस ऐसे नक्सलियों के बैंक खाते की जांच कर रही है. जांच में एजेंसियों को कई तकनीकी अड़चनें आ रही हैं, जिन्हें दूर करना लोकल लेबल पर संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए इस काम में अब उन्हें फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट, दिल्ली सहयोग करेगी.

नक्सलियों के करोड़ों रुपए हुए फ्रीज

जांच एजेंसियों को अबतक झारखंड में सक्रिय 42 नक्सलियों के बैंक खाते में करीब 57 करोड़ रुपए होने की जानकारी मिली है. बैंक, पुलिस व जांच एजेंसियों ने मिलकर ऐसे खाते फ्रीज कर दिए हैं. एजेंसियों ने पता लगाया है कि बैंकों में 16 नक्सली खाता खुलवाने में सफल रहे, जिन पर ईनाम घोषित था. ईनाम घोषित नक्सलियों का खाता कैसे बैंकों में खुल जा रहा है जबकि इनके फोटो और डिटेल्स पुलिस विभाग की ऑफिसियल बेवसाइट पर भी जारी किए गए हैं.

जांच एजेंसियों पर बड़ी जिम्मेदारी

एनआईए, आईबी, सीआईडी और ईडी की नजर में नक्सलियों के 100 से अधिक खाते हैं. ईडी की पटना इकाई भी उनके खाते की जांच कर रही है. नक्सलियों को लेवी से मिलने वाली सारी ब्लैकमनी बैंकों के मार्फत सफेद की जा रही है. कई बड़े कोल व्यवसायी से लेकर बिजनेसमैन तक नक्सलियों के संपर्क सूत्र हैं, जो बीहड़ों के भीतर जाकर उन तक लेवी पहुंचाते हैं.

इन जिलों में भी कार्रवाई

नक्सलियों ने रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो, धनबाद, चतरा व चाईबासा जैसे बड़े शहरों के बैंकों में फर्जी खाता खुलवाए हैं. कई खाते फ्रीज करने की अनुशंसा की गई है. अरगोड़ा स्थित एचडीएफसी बैंक की शाखा में नक्सली के खाते फ्रीज किए गए हैं. झारखंड के अन्य शहरों में भी जांच शुरू हो गई है.

कई नक्सली सड़क-पुल बना रहे

जांच में पता चला है कि 50 से ज्यादा नक्सली ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर, फाइनांसर कारोबारी बन चुके हैं. कई बड़े नक्सली सरकारी सड़क-पुल बनवा रहे हैं. राज्य में सक्रिय माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के उ्रग्रवादियों के पास सबसे अधिक रुपए हैं. इन लोगों के संरक्षण में कई बड़े कारोबारी जैसे-तैसे निर्माण का कार्य कर करोड़ों रुपए डकार रहे हैं.