- 21 से 24 तक बैंक कर्मी जा सकते हैं हड़ताल पर

- एटीएम भी हो जाएंगे खाली, बीस को होगी बातचीते

Meerut: वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बुधवार से देशभर के नेशनलाइज बैंक हड़ताल पर जा सकते हैं। जिसको लेकर आर्थिक जगत में हलचल सी मच गई है। जिससे बड़ी दिक्कतें पैदा हो सकती है। वहीं बैंक कर्मचारी एसोसिएशन के अधिकारियों का यह भी कहना है कि सोमवार को सरकार इनकी मांग मान लेती है तो हड़ताल टल सकती है। मांग नहीं मानी जाती तो पूरे देश में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। बैंक बंद होने के साथ ही एटीएम भी जल्द ही खाली हो जाएंगे।

यह है मामला

सभी नेशनलाइज बैंक कर्मचारियों की ख्0क्ख् से वेतन वृद्धि की मांग चली आ रही है। जिसको लेकर बैंक कर्मचारी पहले भी हड़ताल कर चुके हैं। सात जनवरी को भी यह हड़ताल होनी थी, जो किसी कारण से स्थगित कर दी गई थी। एक बार फिर देशभर के सभी बैंक कर्मचारी अपने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं। बैंक कर्मचारी यूनियन इस मामले में हल नहीं निकलने पर लंबी हड़ताल का मूंड बनाकर बैठे हैं। देशभर में मौजूद हजारों बैंक के करीब आठ लाख कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं। जिससे देशभर में आर्थिक जगत पर बड़ा असर पड़ेगा।

एटीएम भी हो जाएंगे खाली

इस हड़ताल में बैंक से एटीएम के लिए भी पैसा रिलीज नहीं किया जाएगा। प्राइवेट कंपनी जो पैसा डालती है उसको पैसा नहीं मिल पाएगा। जो पैसा क्9 और ख्0 जनवरी को डल जाएगा वही निकाला जा सकता है। इसके बाद एटीएम भी खाली हो जाएंगे। ख्क् से ख्ब् तक हड़ताल का मतलब पूरा सप्ताह। क्योंकि ख्भ् को संडे है और ख्म् को गणतंत्र दिवस। फिलहाल क्9 जनवरी यानि सोमवार को इंडियन बैंक कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारी सरकार से बातचीत करने वाले हैं। इसके बाद ही हड़ताल की रणनीति तैयार होगी। अगर बातचीत में सरकार मांगे मान लेती है तो हड़ताल नहीं की जाएगी। जिससे लोगों द्वारा किया जाने वाला बैंक लेनदेन बाधित नहीं होगा।

इनका कहना है

यूनियन बैंक एसोसिएशन के सेक्रेटरी धर्मवीर सिंह का कहना है कि मोदी जी बोल रहे हैं कि बैंक ने दस करोड़ खाते खोले हैं। इसके लिए बैंक कर्मियों की सराहना तो की जा रही है, लेकिन मांग को नहीं माना जा रहा। अगर मांगे नहीं मानी जाती तो ऑल ओवर इंडिया बैंक बंद रहेंगे। इसके साथ ही जिन प्राइवेट बैंक में यूनियन है वे भी साथ रहेंगे। जैसे आईटी वेस्ट, वैश्या बैंक की मेंबरशिप है तो ये भी हड़ताल पर जा सकते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत क्लीयरिंग हाउस नहीं लगने से होगी। आज सबसे अधिक कैश का लेनदेन चेक के जरिए होता है। एक हफ्ते में क्लीयरिंग हाउस बंद रहने से अरबो रुपए का नुकसान होगा।

वर्जन

सरकार हमारी मांग मान लेती है तो हड़ताल टल जाएगी। अगर मांगे नहीं मानी गई तो पूरी व्यवस्था ठप हो जाएगी। बैंक कर्मचारी पूरी ईमानदारी के साथ काम करते हैं। ये किसी के लिए असुविधा हो यह नहीं चाहते। यह भी नहीं चाहते कि हड़ताल पर जाएं। सरकार पर डिपेंड है वह मांग मानती है या हड़ताल के लिए मजबूर करेगी। - धर्मवीर सिंह

सेक्रेटरी, यूनियन बैंक