बार काउंसिल दिल्ली  (BCD) ने तोमर को प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें 27 मई तक सभी मूल दस्तावेज और उनकी प्रतियां जो काउंसिल में पंजीकरण के दौरान जमा कराई थी, पेश करने का निर्देश दिया है. बार काउंसिल के सचिव पुनीत मित्तल ने बताया कि काउंसिल के पास आई शिकायत व पेश दस्तावेजों से प्रथमदृष्टया यह स्पष्ट है कि तोमर ने जो दस्तावेज जमा कराए हैं, वह फर्जी हैं. उनके द्वारा जमा कराए गए सभी दस्तावेज दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त को सौंप दिए गए हैं. काउंसिल ने उपायुक्त से दस्तावेज की जांच कराने का आग्रह किया है.

गौरतलब है कि बीसीडी ने सुनवाई के दौरान तोमर के वकील की उस अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने डिग्री व अन्य दस्तावेज पेश करने के लिए छह महीने का समय मांगा था. बिहार के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि उसने तोमर को प्रोविजनल प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है. तोमर ने जो प्रमाणपत्र बार काउंसिल में जमा कराया है, वह फर्जी है.

भाजपा भी हुई हमलावार

जितेंद्र तोमर को लेकर भाजपा ने आप सरकार पर हमला तेज कर दिया है. यदि तोमर के खिलाफ एक सप्ताह के अंदर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो पार्टी दिल्ली में बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगी. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए दिल्ली भाजपा के नेताओं ने बुधवार को पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से भी मुलाकात की. भाजपाइयों ने कुछ दिनों पहले विरोध-प्रदर्शन भी किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तोमर को निर्दोष करार दिया था. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की अगुवाई में पुलिस कमिश्नर से मिलने गए एक प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि इस मामले की जांच पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी जाए.  उन्हें शक है कि ये किसी बड़े गिरोह का कारनामा हो सकता है.

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