केस- वन

गोसाई गोटिया जोगीनवादा के रहने वाले लवकेश कुमार ने आधार कार्ड बनवाया है। जिनका आधार नंबर 38086329 है। आधार कार्ड बनाने वालों ने उनके आधार कार्ड में एड्रेस नवाबगंज कर दिया है।

केस- टू

बरकत हुसैन के आधार कार्ड में भी एड्रेस गलत छपा है। ग्राम कुरतारा तहसील मीरगंज की जगह आधार कार्ड में आंवला है। बरकत का आधार नंबर 57709211 है। अब यह एड्रेस ठीक करवाने के लिए भटक रहे हैं।

BAREILLY: आधार में गड़बड़ी प्रॉब्लम्स सिर्फ बरकत हुसैन और लवकेश कुमार के साथ नहीं है। बल्कि, बरेली के सैकड़ों लोग आधार कार्ड में इस तरह की गड़बडि़यों के कारण इसे दुरुस्त कराने के लिए आधार सेंटर्स चक्कर लगा रहे हैं। इससे लोगों का वक्त तो जाया हो ही रहा है। आधार कार्ड में करेक्शन करवाने में लोगों को एक्स्ट्रा रुपए खर्च करना पड़ रहा है।

जल्दबाजी में हो रहीं खामियां

गवर्नमेंट ने आधार कार्ड बनाने की परमिशन करीब आधा दर्जन कंपनियों को दे रखी है। इनमें कार्वी, बकरांगी, विप्रो, वर्गो सॉफ्टवेयर, रेलीगेयर, स्मार्ट शिप्रा, विट टेक्नोलॉजी, जफायर और प्रोवेट सहित अन्य कंपनियां का नाम शामिल है। बरेली में फिलहाल तीन कंपनियां वर्क कर रही हैं। जो गांव और शहर के विभिन्न एरियाज में कैंप और परमानेंट सेंटर बनाकर आधार कार्ड बनाने का काम कर रही हैं। एक-एक सेंटर पर रोजाना 70 से 80 लोगों के आधार कार्ड बन रहे हैं। दिक्कत यह है कि कमीशन के चक्कर में सेंटर्स पर आधार कार्ड जल्दबाजी में बनाए जा रहे हैं। इसके चलते खूब गलतियां हो रही हैं। किसी के व्यक्ति के आधार कार्ड में एड्रेस तो किसी में पिता, पति और उनका खुद का नाम गलत प्रिंट हो जा रहा है। इसलिए लोगों को जहमत उठानी पड़ रही है।

करीब 35 लाख आधार बने हैं

जिले में करीब 35 लाख लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। लेकिन, इनमें से अधिकतर लोगों के कार्ड में खामियां हैं। जबकि कई लोगों के कार्ड बनवाने के महीने बाद भी नहीं मिल सके हैं। नाम, एड्रेस के गलत होने पर उसके करेक्शन का सरकारी चार्ज 10 रुपए और लेकिन, कई आधार सेंटर द्वारा कार्ड में करेक्शन किए जाने के नाम पर 50 से 100 रुपए लिए जाने की बात सामने आ रही है। पैसे लेकर आधार कार्ड बनाने का मामला प्रकाश में आ भी चुका है।

आधार कार्ड में मिल रही खामियों का मामला संज्ञान में नहीं है। आधार कार्ड बनाने वाले कंपनियों को निर्देशित किया जाएगा कि आधार कार्ड बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें, कि उनके स्तर से कार्ड में कोई गड़बड़ी न हो।

मनोज कुमार, एडीएम एफआर