-पीएचडी कमेटी ने रिसर्च फीस में किया दोगुना का इजाफा

-बीसीबी कैंपस में मंडे को हुई रिसर्च कमेटी की मीटिंग

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

बीसीबी में रिसर्च करने के लिए स्कॉलर्स को अब मौजूदा से दोगुना फीस जमा करनी पड़ेगी। क्योंकि बीसीबी की रिसर्च कमेटी ने मंडे को बैठक के दौरान शोध फीस बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। हालांकि, कुछ प्रोफेसर्स ने फीस बढ़ोत्तरी का विरोध जताया, लेकिन उनके विरोध को नहीं माना गया।

आगामी शैक्षिक सत्र से लागू होगी फीस

मंडे को बीसीबी प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव के ऑफिस में रिसर्च कमेटी की मीटिंग हुई। इसमें रिसर्च की फीस बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसमें कमेटी के सदस्यों ने कहा कि कॉलेज ने बीते दस वर्षो से रिसर्च की फीस में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। इसलिए बढ़ोत्तरी जरूरी है। हालांकि, कुछ प्रोफेसर्स ने इस फैसले का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि फीस बढ़ोत्तरी का अधिकारी आरयू का है, लेकिन कमेटी ने प्रोफेसर्स के विरोध को नजरअंदाज करते हुए फीस की बढ़ोत्तरी पर मुहर लगा दी है। बीसीबी आगामी शैक्षिक सत्र से रिसर्च स्कॉलर्स से हर साल दोगुनी बढ़ी फीस वसूलेगा। इस मौके पर डॉ। सोमेश यादव, वाइस प्रिंसिपल डॉ। अजय शर्मा, डॉ। वंदना शर्मा, डॉ। डीके सिंह आदि मौजूद रहे।

दो साल में करना होता हैरिसर्च

आरयू पीएचडी का एंट्रेस टेस्ट कराता है। इसमें पास होने वाले स्कॉलर्स को छह महीने का कोर्स वर्क करना होता है। इसके बाद यूनिवर्सिटी एक एग्जाम कराती है, जिसमें स्कॉलर्स का 50 फीसदी अंक लाने पड़ते हैं। इसके बाद यूनिवर्सिटी स्कॉलर्स को प्रोफेसर्स अलॉट करती है, जिसके अंडर में रिसर्च स्कॉलर्स को दो साल के अंदर पीएचडी कंप्लीट करनी होती है।

सब्जेक्ट पहले फीस अब फीस

आर्ट 2400 5000

कॉमर्स 3600 7500

साइंस 4800 10,000

नोट-बढ़ी हुई फीस हर साल रिसर्च स्कॉलर्स को चुकानी होगी।