बरेली में कमल खिलाने को सभी 9 सीटों पर सिफारिश की गणित का जोर

6 सीटों पर संघ, 2 सीटों पर सासंद और 1 में पूर्व बसपा नेता की रही पैरवी

BAREILLY:

यूपी के चुनावी समर को जीतने के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की गई है, उनमें बरेली की सभी 9 विस चुनाव सीटों पर एक साथ उम्मीदवारों का नाम फाइनल होना हैरत नहीं है। टिकट की मांग कर रहे दावेदारों के आपसी मनमुटाव से समय रहते निपटने और बगावत के सुर शुरू होने से पहले ही बंद करने को आला हाईकमान ने यह फैसला लिया। खास बात यह रही कि 2017 के चुनावी दंगल में विरोधियों को पटखनी देने को बरेली के 9 में से 7 उम्मीदवारों को पार्टी ने फिर से मौका दिया है। हालांकि उम्मीदवारों के चयन में उनकी ग्राउंड रिपोर्ट के साथ ही सिफारिशों के वजन को भी तरजीह दी गई। बरेली से पार्टी के कुल 9 उम्मीदवारों में से 6 को जहां संघ से नजदीकी का बड़ा फायदा मिला। वहीं 2 उम्मीदवारों को बरेली सांसद व केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार और 1 को बसपा से भाजपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य की सिफारिश पर

टिकट मिलना बताया जा रहा है।

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बरेली शहर - डॉ। अरुण कुमार

शहर विधानसभा से पार्टी ने सिटिंग विधायक डॉ। अरुण कुमार पर दोबारा भरोसा किया है। शहर में हिन्दू व मुस्लिम वोटर्स की तादाद करीब बराबर है। जिनमें सवर्ण वोटर्स की संख्या ज्यादा है। वहीं डॉ। अरुण कुमार की आरएसएस के कई नेताओं से नजदीकी रही है। इसके चलते पार्टी ने उन्हे यहां से दोबारा टिकट दिया है।

बरेली कैंट - राजेश अग्रवाल

बरेली कैंट विधानसभा सीट से भी पार्टी ने सिटिंग विधायक राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। यहां भी मुस्लिम व सवर्ण वोटों की तादाद सबसे ज्यादा है। पुराने संघी होने और इस सीट से बसपा की काट के लिए पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया है।

आंवला - धर्मपाल सिंह

आंवला विधानसभा सीट से पार्टी ने पुराने कद्दावर नेता धर्मपाल सिंह पर ही भरोसा जताया है। आंवला में किसान वोटर्स़ बहुतायत में हैं। इसके अलावा सपा का यादव वोट भी अधिक है। इसकी काट के लिए भी पार्टी की नजर में धर्मपाल मुफीद नजर आ रहे थे। वहीं बसपा के वोट बैंक अनुसूचित जाति पर भी पार्टी काट करना चाहती है।

फरीदपुर - डॉ। श्याम बिहारी

फरीदपुर विधानसभा से पार्टी ने डॉ। श्याम बिहारी लाल को मैदान में उतारा है। यह भी संघ से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। फरीदपुर में बिरादरी का वोट बैंक कम होने के बावजूद पिछले चुनाव में उनका प्रदर्शन ठीक रहा था। साथ ही संघ से नजदीकी होने का भी फायदा मिला।

बहेड़ी - छ˜ापाल गंगवार

बहेड़ी सीट से सपा के कद्दावर नेता अताउर्रहमान की काट के लिए पार्टी ने छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है।

संघ से नजदीकी के अलावा पिछले चुनाव में अताउर्रहमान को उन्होंने पसीना छुड़ाया था। साथ ही कुर्मी वोटों का फायदा लेने को भी उन्हें तरजीह दी गई।

भोजीपुरा - बहोरन लाल मौर्या

भोजीपुरा सीट से पार्टी ने पुराने व अनुभवी नेता बहोरन लाल मौर्य को मैदान में उतारा है। बहोरन पूर्व में बतौर मंत्री के अलावा संघ के पुराने सारथी भी रहे हैं। भोजीपुरा से ओबीसी का बड़ा वोट पाने के लिए उन पर पार्टी ने दांव ख्ोला है।

मीरगंज - डॉ. डीसी वर्मा

मीरगंज सीट से पार्टी ने डॉ। डीसी वर्मा पर कमल खिलाने का जिम्मा सौंपा है। पार्टी के जानकारों के मुताबिक डॉ। वर्मा को सासंद व केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार से नजदीकियों के चलते यह जिम्मेदारी मिली। केन्द्रीय मंत्री की बड़ी सिफारिश पर उन्हें टिकट दिया गया है।

बिथरी - राजेश कुमार मिश्रा

बरेली की बेहद अहम बिथरी चैनपुर सीट से पार्टी ने राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल पर भरोसा किया है। इस सीट पर बसपा के सवर्ण वोटों की काट के लिए राजेश मिश्रा पर यह दांव खेला गया है। पार्टी के बड़े नेताओं में अच्छी पकड़ और सांसद की सिफारिश के बलबूते उन्हें अन्य नेताओं पर तरजीह मिली।

नवाबगंज - केसर सिंह

नवाबगंज सीट पर पार्टी ने अपने संगठन के बजाए बसपा से भाजपा में आए केसर सिंह को उतारा है। माना जा रहा है कि तमाम विरोध के बावजूद पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी में आने के बाद उन्हीं की सिफारिश पर केसर सिंह को टिकट मिला है।

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