- 13 माह बाद ग्रहों की बदली चाल से अशुभ संयोग का होगा खात्मा

- आगामी 13 माह तक प्रभावी रहेगा योग, सुख, समृद्धि में होगी बढ़ोत्तरी

BAREILLY: 13 माह बाद फिर देवगुरु वृहस्पति का कन्या राशि में प्रवेश होगा। मित्र राशि सूर्य से निकलकर कन्या में प्रवेश करने का संयोग जातकों के लिए विशेष फलदायी होने की संभावना है। क्योंकि इसी क्रमिक बदलाव से गुरू और राहु का सिंह राशि में प्रवेश होने से चल रहा गुरू चांडाल योग भी समाप्त होगा। इसके बाद गुरु का आगामी गोचर शत्रु और मित्र राशियों पर पड़ना तय है। गुरु चांडाल योग खत्म होने से होने वाली तमाम अशुभ और संकट का योग भी लगभग खत्म हो जाएगा। यह योग 12 सितम्बर 2017 तक प्रभावी रहेगा।

इन राशियों पर विश्ोष प्रभाव

बाला जी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं। राजीव शर्मा के मुताबिक गुरु का गोचर प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि गोचर के गुरु का प्रभाव जातक की जन्मपत्रिका में गुरु की राशिगत और भावगत स्थिति पर निर्भर करता है। जो स्वास्थ्य, आर्थिक परिवर्तन, विवाह और जीवन से संबंधित फल कथन में प्राथमिक भूमिका निभाता है। ऐसे में गुरु का कन्या में प्रवेश होने से वृषभ, सिंह और मकर के लिए अतिशुभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, धनु और मीन के लिए सामान्य, मेष, कर्क, तुला और कुंभ राशि के लिए यह योग अनुकूल नहीं है।

राशियों पर प्रभाव

11 अगस्त को वृहस्पतिवार की रात 9.27 बजे श्रावण शुक्ल पक्ष सूर्य राशि से निकलकर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गुरु का कन्या राशि में प्रवेश होगा।

राशि प्रभाव उपाय

मेष अशुभ फलदायक, परिवारिक सहयोग फलदान

वृषभ अति शुभ फलदायक, यश में वृद्धि विष्णु पूजन

मिथुन सामान्य फलदायक रुद्राक्ष धारण

कर्क अनुकूल, पराक्रम में वृद्धि गुरु मंत्र जप

सिंह अनुकूल, श्रेष्ठकर श्री कृष्ण पूजन

कन्या सामान्य फलदायक रुद्राक्ष धारण

तुला मानसिक चिंताएं केला वृक्ष का पूजन

वृश्चिक सामान्य फलदायक श्री कृष्ण पूजन

धनु अतिशुभ फलदायक गुरुवार को लें निर्णय

मकर अतिशुभ फलदायक लक्ष्मी और विष्णु पूजन

कुंभ नाकारात्मक आय वृद्धि पीपल वृक्ष का पूजन

मीन अनुकूल, शुभ फलदायक गुरु रत्‍‌न और रुद्राक्ष धारण