-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में खबर पब्लिश होने के बाद हरकत में आया प्रशासन

- डेली आरबीएसके कर्मचारी और आशा लेकर पहुंच रही कुपोषित बच्चे

बरेली : यूनीसेफ की रैकिंग में पहला स्थान हासिल कर चुका न्यूट्रिशन रिहेबलिटेशन सेंटर यानि एनआरसी पर लंबे समय से कुपोषण से ग्रसित बच्चे एडमिट नहीं कराए जा रहे थे, जबकि डिस्ट्रिक्ट के 51 गांव में अभियान चलाकर कुपोषण के खिलाफ मुहिम चलाने के निर्देश प्रशासन ने दिए थे। इसे लेकर 3 दिसंबर को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से न्यूज पब्लिश की थी। प्रशासन हरकत में आया और मंडे को आरबीएसके और आशाओं की मदद से कुपोषित बच्चे एनआरसी में एडमिट कराए गए। एनआरसी वार्ड फुल हो गया है।

घटा बीओआर तो डीएम को भेजा पत्र

नवंबर में बच्चे एनआरसी में एडमिट नही हुए तो यहां को बेड ऑक्यूपेंसी रेट 50 फीसदी तक पिछले सालों की तुलना में घटा। इसकी जानकारी एनआरसी इंचार्ज ने डीएम को पत्र भेजकर दी। जिसके बाद डीएम ने आरबीएसके, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को कुपोषण से ग्रसित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने के निर्देश दिए। इसके बाद स्थिति सुधरी और वार्ड फुल हो गया।

12 बच्चे हुए एडमिट

पिछले सप्ताह जहां 10 बेड के एनआरसी वार्ड में महज चार से पांच बच्चे ही एडमिट थे लेकिन मंडे को यहां 12 बच्चे एडमिट हुए हैं। आरबीएसके टीम ने यहां एक ही परिवार के तीन बच्चों को एडमिट कराया जो कि जांच में कुपोषण से ग्रसित पाए गए। इन बच्चों में बहेड़ी के मंडनपुर के साढ़े 6 वर्षीय आशिया, डेढ़ वर्षीय निखत और डेढ़ वर्षीय हसन शामिल हैं। इन तीनों बच्चों की जांच की गई तो यह सीवियर मलन्यूट्रिशन समेत स्कैबिज और फीवर से ग्रसित भी मिले।

पिछले एक सप्ताह से बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। मंडे को आरबीएसके टीम ने एक ही परिवार के तीन बच्चों को एडमिट कराया है जो कि जांच में मलन्यूटिशन से ग्रसित मिले। बच्चों को उचित इलाज और केयर देकर कुपोषण से उबारा जाएगा।

डॉ। रोजी जैदी, डायटिशियन, एनआरसी