GORAKHPUR: ऋतुराज बसंत के आगमन का पर्व बसंत पंचमी गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। शैक्षणिक संस्थानों एवं हिंदू घरों में पांच प्रकृतियों में से एक वाणी की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। सिटी के निश्चित स्थानों पर सम्मत स्थापित कर लोगों ने होलिकोत्सव की शुरुआत की। साथ ही श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों व सरोवरों में आस्था की डुबकी भी लगाई। वहीं सिटी के सर्वोदय नगर के रहने वाले चंद्रभूषण पांडेय, विजय प्रकाश पांडेय, सुमन, मंगला देवी व सिद्धार्थ पांडेय ने गोरखपुर से सफर कर बसंत पंचमी के मौके पर प्रयागराज संगम में आस्था की डुबकी लगाई। चंद्रभूषण ने बताया कि गोरखपुर से दोहरीघाट तक सड़क खराब होने के बावजूद भी आस्था की डुूबकी कहीं से फीकी नहीं रही। ऋतुराज बसंत के आगमन के साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर गुरुवार को सिटी के विभिन्न मंदिरों एवं शिक्षण संस्थानों में दिनभर मां सरस्वती की पूजन अर्चन किया गया। पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि गुरुवार को सूर्योदय 6 बजकर 35 मिनट पर हुआ। पंचमी तिथि का मान दिन में 10 बजकर 27 मिनट तक था। इस दिन छत्र नामक महाऔदायिक योग भी रहा। उन्होंने बताया कि जिस दिन पूर्वाह्न में पंचमी हो, वही दिन बसंत पंचमी के लिए मान्य दिन है। यह ऋतुराज बसंत के आरंभ का दिन है।