- आइएएस की गिरफ्तारी से पहले पूरी की गई प्रक्रिया

- निगरानी विभाग का दावा मामला है शीशे की तरह साफ

PATNA : निगरानी के पास आइएएस की गिरफ्तारी का ठोस आधार है। ठोस तथ्य और तर्क हैं के आधार पर ही अरेस्टिंग की गई है और इसके पूर्व प्रक्रिया भी पूरी की गई है। जबकि आइएएस एसोसिएशन डॉ। जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी को गैर कानूनी और अवैध बता रहा है, लेकिन निगरानी ब्यूरो का दावा है कि मामला शीशे की तरफ साफ है।

- निगरानी विभाग का यह है तर्क

- संविदा पर नियुक्त किसी ड्राइवर और होमगार्ड जवान की यह हैसियत नहीं है कि वह एक साथ चार-चार ट्रकों को बिना किसी जब्ती कागजात (सीजर लिस्ट) के लगातार दस दिनों तक रोके रखे।

- कोई भी चालक और जवान अपने हाकिम के नाम पर 80 हजार कैसे वसूल सकता है

- चारों ट्रकों के ड्राइवर से 90 हजार मांगे गए थे काफी अनुनय विनय पर 80 हजार में सौदा हुआ

- गिरफ्तारी में किसी भी कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी नहीं की गई है

- सरकारी आवास की तलाशी लेने से पहले दो घंटों का विलंब किया था, क्योंकि किसी भी

- मजिस्ट्रेट के आवास की तलाशी लेने से पहले कई तरह की कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ा

- दो घंटे तक एसडीओ के ड्राइवर और होमगार्ड जवान ने ट्रकों के जब्त दस्तावेज को नहीं हटाया

- चारों ट्रकों के जब्त दस्तावेज एसडीओ के आवास में लगे डीसीएलआर के वाहन की सीट से बरामद किया गया

- डॉ। गुप्ता के पास मोहनियां के डीसीएलआर का भी अतिरिक्त प्रभार था