- बेसमेंट में चल रहे शहर के ज्यादातर नर्सिग होम

- कई जगह डॉक्टर बिना ही हो रहा संचालन

- स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई का भी नहीं संचालकों को डर

GORAKHPUR: लेटेस्ट हेल्थ फैसिलिटीज के दावे करने वाले शहर के नर्सिग होम बुनियादी व्यवस्था देने तक के काबिल नहीं हैं. चिकित्सा व्यवस्था के मानकों का माखौल बनाते ये अस्पताल इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने तक से बाज नहीं आ रहे. हालत ये कि शहर में चले रहे ज्यादातर नर्सिग होम बेसमेंट में चल रहे हैं जिससे मरीजों पर हमेशा ही संक्रमण का खतरा मंडराता रहता है. वहीं, कई जगह तो बिना डॉक्टर के ही अनट्रेंड स्टाफ इलाज से लेकर ऑपरेशन तक निपटा दे रहा है. इन नर्सिग होम के संचालकों को स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई का भी डर नहीं है. इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं. पिछले साल एक नर्सिग होम की शिकायत पर हेल्थ विभाग ने जांच की. इस दौरान बेसमेंट में आईसीयू और वार्ड चल रहा था जिसे सील तो किया गया लेकिन बाद में दबाव के चलते कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

अंडरग्राउंड में ही आईसीयू और ओटी

शहर में 360 प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिग होम संचालित हो रहे हैं. इनमें करीब 12 ऐसे नर्सिग होम हैं जो बेसमेंट में चल रहे हैं. हद तो ये कि चिकित्सा व्यवस्था मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट में ही आईसीयू से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक चल रहा है. जबकि नियम है कि बेसमेंट में किसी प्रकार का अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है क्योंकि इससे मरीजों को संक्रमण से लेकर अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन नियमों को ताक पर रखकर नर्सिग होम संचालक बेसमेंट में धड़ल्ले से अस्पताल चला रहे हैं. सवाल यह उठता है कि अगर कोई बड़ी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. सूत्रों की मानें तो इन संचालकों को कार्रवाई का डर भी नहीं है क्योंकि उनका सीधे बड़े रसूखदार लोगों से सेटिंग है जिसके चलते वह बेखौफ होकर अपना धंधा जमाए हुए हैं.

कई जगह तो डॉक्टर का ही पता नहीं

वहीं, कई नर्सिग होम में तो इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है. पता चला है कि कई ऐसे नर्सिग होम हैं जहां बिना डॉक्टर के ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की जांच में भी यह मामला सामने आ चुका है. अस्पताल तो खोल लिया गया है लेकिन डॉक्टर की मौजूदगी नहीं है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना डॉक्टर के कैसे लोगों का इलाज हो रहा है. यह धंधा कई साल से चल रहा है लेकिन जिम्मेदार हैं कि ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं.

फैक्ट फिगर

शहर में प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिग होम - 360

अल्ट्रासाउंड सेंटर - 237

पैथोलॉजी - 96

क्लीनिक - 164

वर्जन

शिकायत के बाद लगातार टीम हॉस्पिटल, नर्सिग होम और क्लीनिक पर छापेमारी की कार्रवाई की रही है. बेसमेंट में जो अस्पताल चलाए जा रहे हैं वह नियम विरुद्ध हैं. जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

- डॉ. एनके पांडेय, एसीएमओ