शिक्षा निदेशालय पर कर्मचारियों ने जमकर किया विरोध प्रदर्शन

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PRAYAGRAJ: सूबे के अलग-अलग विभागों के मुख्यालय के रूप में प्रयागराज हमेशा से ही वीआईपी जिलों की कैटेगरी में शामिल था। लेकिन पिछले कुछ समय से एक के बाद एक विभाग के मुख्यालय लखनऊ ट्रांसफर किए जाने के कारण सिटी की प्रमुखता पर भी अब प्रश्न चिन्ह लगने लगा है। इसी क्रम में सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद और उसके अन्तर्गत आने वाले सभी विभागों को लखनऊ के साक्षरता कार्यालय में स्थानांतरित करने के आदेश जारी होने के बाद शुक्रवार को कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया। शिक्षा निदेशालय में आदेश के विरोध में शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि आजादी के पहले से शिक्षा निदेशालय स्थापित है। जिसके भवन अपने आप में इतिहास स्वरूप एवं धरोहर है। प्रयागराज की गरिमा को हमेशा से बढ़ाने का काम वर्तमान सरकार करती आ रही है। लेकिन यह निर्णय उचित नहीं है।

कांग्रेस ने भी दर्ज कराया विरोध

बेसिक शिक्षा परिषद के लखनऊ स्थानांतरित किए जाने के आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी आई ने भी विरोध दर्ज कराया। कमेटी के सदस्य मुकुंद तिवारी ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार एक साजिश के तहत पुलिस मुख्यालय के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग के आफिस को लखनऊ स्थानांतरित कर रही है। जिले के बीजेपी के सांसद व विधायक एवं मंत्रीगण मूकदर्शक बनकर यहां स्थित सभी मुख्यालयों को लखनऊ ले जाने में अपना सहयोग दे रहे है। जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है। इस दौरान कांग्रेस ने राज्यपाल से मांग करते हुए जनहित में बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय सहित अन्य सरकारी मुख्यालयों को किसी भी दशा में न हटाने की मांग की। इस मौके पर अनिल पाण्डेय, हसीब अहमद, जय प्रकाश तिवारी, अफरोज अहमद समेत अन्य लोग मौजूद रहे।