नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने हाल ही में बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ पर टिप्पणी की थी जिसको लेकर बीसीसीआई अब साहा को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। साहा अभी इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर नहीं हुए हैं और वह बीसीसीआई के अनुबंधित क्रिकेटर हैं। यह पता चला है कि साहा, जो 3 करोड़ रुपये की वार्षिक रिटेनरशिप के साथ सेंट्रल काॅनट्रैक्ट के ग्रुप बी में है। उन्होंने नियम 6.3 का उल्लंघन किया है। नियम कहता है कि "अनुबंधित खिलाड़ी खेल, अधिकारियों, खेल में हुई घटनाओं, टेक्नोलाॅजी के उपयोग, चयन मामलों या खेल से संबंधित किसी भी अन्य मामले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेगा जो बीसीसीआई की राय में प्रतिकूल है।'

चयन मामलों पर क्यों बोले साहा
साहा ने दुनिया के सामने जो खुलासे किए हैं, वह उनके चयन और द्रविड़, चयनकर्ता चेतन शर्मा और गांगुली के अध्यक्ष के साथ उनकी निजी बातचीत पर है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने गुरुवार को पीटीआई-भाषा से कहा, 'हां, इस बात की संभावना है कि बीसीसीआई रिद्धिमान से पूछ सकता है कि एक केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर होने के नाते उन्होंने चयन मामलों पर कैसे बात की। 37 वर्षीय साहा को हाल ही में भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा साफ मैसेज भेज दिया गया कि वह अब उन्हें टीम में नहीं रखेंगे क्योंकि टीम की प्राथमिकता एक युवा क्रिकेटर पर होगी।

कोच की बात सार्वजनिक क्यों की
टीम में कभी न रखने के बाद से साहा काफी परेशान चल रहे थे। उन्होंने बाद में कोच और बीसीसीआई अध्यक्ष पर सवालिया निशान खड़े कर दिए।
धूमल ने कहा, "जहां तक ​अध्यक्ष का सवाल है, उन्होंने उन्हें प्रेरित करने की कोशिश की थी। बोर्ड शायद यह जानना चाहेगा कि कोच द्रविड़ के साथ ड्रेसिंग रूम में हुई बातचीत को उन्होंने क्यों सार्वजनिक किया।" तो क्या बीसीसीआई औपचारिक कारण बताओ नोटिस देगा या मौखिक रूप से इस मुद्दे के बारे में पूछेगा? धूमल ने कहा, "हमने अभी तक इस मामले पर फैसला नहीं किया है। हम सभी व्यस्त हैं, लेकिन कुछ दिनों में फोन किया जाएगा।"

साहा ने उठाया गलत कदम
बीसीसीआई में कई लोगों का मानना ​​है कि साहा को द्रविड़ के साथ अपनी बातचीत को सार्वजनिक करने से बचना चाहिए था क्योंकि इससे उनकी छवि थोड़ी खराब हुई है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह आहत नहीं हैं, लेकिन खिलाड़ी के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करना चाहते हैं। यह एक निजी बातचीत है और भले ही उन्हें चोट लगी हो, उन्हें चुप रहना चाहिए था।'

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