आने वाली आठ फरवरी को बीसीसी आई अपनी एन्युअल जनरल मीटिंग की डेट डिक्लेयर करेगी और इसी दिन वो एन श्रीनिवासन पर अपना डिसीजन लेने के बारे में बात करेगी. हो सकता है कि इससे पहले वर्किंग कमेटी के ज्यादातर मेंबर्स के चेन्नई में मौजूद होने के चलते श्रीनिवासन कुछ मेंबर्स के साथ फॉर्मल मीटिंग कर सकते हैं. बीसीसीआई के एक सीनियर ऑफीशियल के अकॉर्डिंग एक सर्कुलर रिलीज करके वर्किंग कमेटी मेंबर्स की मीटिंग आठ फरवरी को होने की इंफार्मेशन दी गयी है. जिसके चलते चेन्नई में पांच फरवरी को होने वाली मेंबर्स की अनफार्मल मीटिंग कैंसल कर दी गयी है. वर्किंग कमेटी की मीटिंग में वो लोग भी शामिल हो सकते हैं जो पूरी तरह से श्रीनिवासन के अगेंस्ट हैं ऐसे में सात फरवरी को अपने फेवर वाले लोगों से मिल कर वे अपना साइड स्ट्रांग करने की पूरी कोशिश करेंगे.

श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट के उन्हें बीसीसीआई के इलेक्शन में पार्टिसिपेट करने से रोक देने के 22 जनवरी 2015 के फैसले के बाद से ही अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उनकी फ्यूचर को लेकर क्या प्लानिंग है इस बारे वे बिलकुल खामोश हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने डिसीजन में कहा था, व्यावसायिक हित रखने वाले किसी भी व्यक्ति को चुनाव लडने की परमीशन नहीं मिलेगी. इसका मतलब है कि श्रीनिवासन तब तक बीसीसीआई प्रेसिडेंट का इलेक्शन नहीं लड सकते हैं जब तक कि वह क्लैश ऑफ बेनिफिट्स के आरोपों से खुद को अलग नहीं नहीं कर देते हैं.

 

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को फैसले के सिक्स वीक के अंदर अपनी एजीएम बुलाने और इलेक्शन कंडेक्ट करवाने के भी डायरेक्शन दिये थे. रूल्स के अकॉर्डिंग एजीएम की डेट अनाउंस करने से पहले बीसीसीआई को मीटिंग से पहले अपने सभी मेंबर्स को तीन वीक का नोटिस देना होता है. जिसका मतलब हुआ कि श्रीनिवासन और उनके सर्पोटर्स को 12 फरवरी तक एजीएम की डेट पर डिसीजन ले लेना होगा, क्योंकि कोर्ट के डायरेक्शंस के अंडर एजीएम मार्च के फर्स्ट वीक तक हो जानी चाहिए.

 

कोर्ट का ऑर्डर मानने के लिए अगर श्रीनिवासन को इलेक्शन लड़ना है तो उन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स से पूरी तरह से नाता तोडना होगा जिसकी पूर्व चीफ जस्टिस आर एम लोढा की तीन मेंबर बेंच जांच कर रही है. बेंच को चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को मिलने वाली सजा के बारे में डिसीजन लेने के लिये छह महीने का समय मिला है और ऐसे में श्रीनिवासन के लिये सिक्स वीक में फ्रेंचाइजी को छोड़ कर बीसीसीआई इलेक्शन लड़ना प्रेक्टिकली पॉसिबल नहीं है.

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