- 7 कॉलोनियों के करीब 9 सौ लोगों को बीडीए ने घोषित किया था डिफाल्टर
- डिफाल्टर लिस्ट में 4 सौ से ज्यादा ने खाली किया आवास, अब होगी बिक्री
BAREILLY:
बरेली विकास प्राधिकरण करीब डेढ़ वर्ष पहले डिफाल्टरों से खाली कराए गए आवासों को पीएमएवाई योजना के तहत शामिल करने जा रहा है। बता दें कि बीडीए के पास फिलहाल किसी नई आवासीय योजना के लिए बजट नहीं है। ऐसे में, बीडीए ने इन भवनों का रेनोवेशन करने के बाद इनकी बिक्री करेगा। ताकि नए पीएमएवाई लाभार्थियों को कोई शिकायत न रहे। तमाम फ्लॉप हो चुकी योजनाओं के बाद इस योजना के सफल होने की पूरी संभावना अधिकारी जता रहे हैं। ताकि केंद्र और प्रदेश सरकार के समक्ष कामयाबी साबित कर सकें।
योजना एक, फायदे होंगे दो
गौरतलब है कि प्राधिकरण को जब मूल आंवटियों ने किस्त देना बंद किया तो बीडीए की आंख खुली। 17 वर्षो बाद पता चला कि करीब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा बीडीए को हुआ। वर्षो तक फाइलों में दबे राजस्व को वसूली की तैयारी अब की गई है। भवन खाली कराने के बाद करीब डेढ़ वर्षों तक खाली इन भवनों को अब पीएमएवाई योजना के जरिए अलॉट किया जाएगा। इससे एक ओर बीडीए पीएमएवाई के अलॉटमेंट में अपनी मुस्तैदी साबित करेगा, तो दूसरी ओर वह अपने घाटे की भी काफी हद तक भरपाई कर सकेगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है।
नहीं अदा की थी किस्त
बीडीए ने स्थापना होने के बाद से अब तक करीब 12 आवासीय योजना बनाई हैं। रामगंगा को छोड़कर बाकी सभी में अलॉटमेंट भी हुए हैं। इन सभी में आवंटियों ने एकमुश्त रकम जमा करने के बाद किश्त देने लगे थे। लेकिन कुछ ही किस्तें अदा करने के बाद किस्त टूट गई, जिसके बाद प्राधिकरण ने नोटिस जारी की लेकिन कोई सख्त कार्रवाई न होने की वजह से आंवटियों ने किस्त शुरू नहीं की। करीब 17 वर्षो बाद बीडीए को जब मामले का पता चला तो उन्होंने वर्ष 2015 में नोटिस थमाई। करीब 6 सौ ने किस्त शुरू की। जिन्होंने नहीं की ऐसे करीब 4 सौ से ज्यादा आवंटियों से आवास खाली करा लिए गए थे।
भवन के प्रकार और कीमत
- एलआईजी हैं सारे भवन
- अल्प आयवर्ग होंगे लाभान्वित
- 65 और 42 वर्गमीटर भवन का क्षेत्रफल
- 9.81 लाख प्रत्येक भवन की है कीमत
- पीएमएवाई के तहत रहेगी बिक्री प्रक्रिया
कहां कितने आवास
योजना का नाम खाली आवास
करगैना आवासीय 185
एकता नगर 25
हरुनगला 16
तुलापुर आवासीय 21
मठ लक्ष्मीपुर 70
मथुरापुर 55
बिहारमान नगला 25
आवासीय योजनाओं के खाली कराए गए भवनों को पीएमएवाई के तहत शामिल कर लिया गया है। जल्द ही इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
डॉ। सुरेंद्र कुमार, वीसी, बीडीए