- निर्माण होते समय नहीं चेते बीडीए के अफसर, कॉलोनी बनने के बाद नगर निगम का बताया जिम्मेदार

- कंपाउंडिंग का समय देने के बाद भी नहीं कराया मैप स्वीकृत, अब होगी कार्रवाई

बरेली : शहर में अवैध कॉलोनियों बनती गई और बीडीए के अफसर सोते रहे। पिछले कुछ साल में ही शहर में लगभग दो सौ अवैध कॉलोनियां बनकर तैयार हो गईं, लेकिन अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार बीडीए ने कोई सुध नहीं ली। कम्पाउंडिंग के लिए समय भी दिया गया, लेकिन कॉलोनी ओनर्स ने इस ओर ध्यान नही दिया। लेकिन अब बीडीए वीसी दिव्या मित्तल ने इन कॉलोनियों पर जेसीबी चलाने की तैयारी कर ली है।

सिर्फ 39 कॉलोनियां वैध

अधिकारियों और कर्मचारियों की बिल्डरों से कुछ ऐसी साठगांठ हुई कि लगभग पूरा शहर की अवैध रूप से खड़ा हो गया। बीडीए के रिकॉर्ड में दर्ज 236 कॉलोनी में 197 अवैध कॉलोनी हैं। वहीं रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा में दर्ज कॉलोनियों की तादाद महज 39 तक ही सीमित है।

2008 के बाद से नहीं दर्ज

प्राधिकरण की वेबसाइट पर पांच अगस्त 2008 के बाद से कोई अवैध कॉलोनी दर्ज नहीं हुई है। जबकि इन ग्यारह सालों में कई अवैध कॉलोनियां बन गई। कहीं किसानों की जमीन खरीदकर प्लॉटिंग कर दी गई तो कुछ जगह डुपलेक्स तैयार हो चुके हैं।

यहां हुए अवैध निर्माण

विहारमान नगला पीलीभीत रोड और पीलीभीत बाईपास के बीच, शाहजहांपुर रोड, करगैना बदायूं रोड, सुभाष नगर बदायूं रोड, सुर्खा छावनी, नवादा शेखान, नवादा जोगियान, लाल फाटक से आगे और बदायूं रोड की ओर सबसे ज्यादा अवैध निर्माण किए गए हैं। अब इन जगहों पर बीडीए बुल्डोजर चलाएगा।

बीडीए की 7 कॉलोनी

शहर में बनी 39 कालोनियां रेरा में दर्ज हैं। इनमें से सात कॉलोनी बीडीए की हैं। इसमें रामगंगानगर आवास योजना के सभी सेक्टर, विहारमान नगला, ट्रांसपोर्ट नगर शामिल हैं। बाकी 32 योजनाएं निजी बिल्डरों की हैं।

35 लोगों ने किया आवेदन

रिहायशी क्षेत्र में बने कॉमर्शियल निर्माण की बात करें तो करीब 500 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। खास बात कि इतने दिन बीतने के बावजूद अभी तक महज 35 के करीब ही आवेदन शमन समाधान शिविर में आए हैं। जबकि करीब पंद्रह दिन का समय ही शिविर समाप्त होने में बचा है।

तो निगम है जिम्मेदार

बीडीए के अफसरों का कहना है कि नगर निगम बिना नक्शा देखे बिजली और पानी के कनेक्शन देकर अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा दे रहा है तो वहीं नगर आयुक्त का कहना है कि नक्शे के आधार पर किसी को भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है।

बीडीए की ओर से अक्सर अवैध निर्माण के दौरान कार्रवाई की जाती है। बीडीए की ओर से 197 कॉलोनियां अवैध घोषित हुई हैं। जिस पर कार्रवाई करने की योजना बनाई गई है। वही इसके विस्तार में नगर निगम की अहम भूमिका है। अगर बिजली, पानी का कनेक्शन बिना नक्शा देखे न दिया जाए तो अवैध भवन निर्माण पर अंकुश लग सकता है।

दिव्या मित्तल, बीडीए वीसी