- आ गया मलेरिया और डेंगू का सीजन

- जलभराव और गंदगी बन सकता है दिक्कत का सबब

- मेट्रो सिटीज से लौट रहे बीमार फैला सकते हैं संक्रमण

ALLAHABAD: सावधान, मलेरिया और डेंगू का सीजन आ चुका है। हल्की बारिश के बाद शहर में जगह-जगह हुआ जलभराव और गंदगी की वजह से पनपने वाले मच्छर गंभीर बीमारियां फैला सकते हैं। इसलिए लोगों का जागरुक होना जरूरी है। हालांकि, मेट्रो सिटीज में डेंगू ने दस्तक दे दी है, ऐसे में वहां से आने वाले मरीजों से भी खतरा बढ़ सकता है।

खतरनाक है जलभराव

मलेरिया और डेंगू संक्रामक रोग हैं। इनके फैलने का सबसे बड़ा कारण जलभराव है। मलेरिया जहां किसी भी ठहरे हुए पानी में पनप जाता है तो डेंगू के लार्वा साफ पानी में पैदा होते हैं। ये दोनों कंडीशंस इस सीजन में आसानी से तैयार हो जाती हैं। मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। शहर के निचले और जलभराव वाले इलाकों में दवा का छिड़काव तेज कर दिया गया है।

पिछले साल फैला था रोग

आमतौर पर जुलाई से दोनों रोगों के फैलने की शुरुआत होने लगती है। बारिश के सीजन में जगह-जगह जलभराव होने लगता है। इस बार भी मलेरिया के मरीजों की संख्या तो बढ़ गई है लेकिन डेंगू का एक भी मरीज अधिकारिक तौर पर सामने नहंी आया है। डॉक्टर्स की मानें तो दोनों बीमारियों का सीजन अक्टूबर तक चलता है।

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बाहर से आने वालों से रहें होशियार

इलाहाबाद में भले ही अभी तक डेंगू ने दस्तक नहीं दी है लेकिन बाहर से आने वाले मरीज खतरा पैदा कर सकते हैं। एग्जाम्पल के तौर पर दिल्ली में काम के सिलसिले में गए घूरपुर के दो युवक डेंगू की चपेट में आ गए। इनमें से ख्ख् साल के छोटू की मौत हो गई और दूसरे राजाबाबू को इलाज के लिए वापस लाया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे मरीजों को इलाज के दौरान मच्छरदानी में रखना चाहिए। जिससे फैलने वाले संक्रमण से बचाया जा सके।

लक्षण

मलेरिया- ठंड के साथ कंपकंपी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट। इसके अलावा मितली, उल्टी, डायरिया के लक्षण भी हो सकते हैं।

डेंगू- अचानक तेज बुखार, शरीर के रेशेस, बदन दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में जबरदस्त दर्द प्रारंभिक लक्षण हैं। एक अन्य प्रकार के डेंगू, जिसको हेमरेजिक डेंगू कहा गया है, में रक्तस्त्राव के लक्षण व बेहोशी के लक्षण प्रतीत होते हैं। श्वास में रुकावट भी उत्पन्न होती है।

डेंग से बचाव के तरीके

-रोगग्रसित मरीज का तुरंत उपचार शुरू करें व तेज बुखार की स्थिति में पेरासिटामाल की गोली दें।

-एस्प्रिन या डायक्लोफेनिक जैसी अन्य दर्द निवारक दवाई न लें।

-खुली हवा में मरीज को रहने दें व पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी दें जिससे मरीज को कमजोरी न लगे।

-फ्लू एक तरह से हवा में फैलता है अत: मरीज से क्0 फुट की दूरी बनाए रखें तो फैलने का खतरा कम रहता है। उसे मच्छरदानी में रखें।

-जहां बीमारी अधिक मात्रा में हो, वहां फेस मॉस्क पहनना चाहिए। घर के आसपास मच्छरनाशक दवाइयां छिड़काएं।

मलेरिया होने पर बचाव के तरीके

- घर में रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने को दें।

- बुखार को उतारने के लिए डॉक्टर के परामर्श से पैरासिटामॉल युक्त दवाएं लें।

- बुखार उतारने के शरीर पर पानी की स्पंजिंग भी कर सकते हैं।

इन पर ध्यान जरूर दें

- मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। जो अंधेरा होते वक्त या सुबह के समय काटता है।

- डेंगू मादा एडीस मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है।

- आसपास गड्ढों या घर में टायर, प्लास्टिक के डिब्बे, गमले आदि में ज्यादा दिनों तक पानी न जमा होने दें।

- कचरा आंगन के बाहर न फेंककर नष्ट करें।

- पानी की टंकियों को कवर करके रखें व नियमित सफाई करें।

- मलेरिया के मरीज आने लगे हैं। डेंगू का एक भी केस सामने नहीं आया है। सीजन शुरू हो चुका है। लोगों को होशियारी बरतनी होगी। दूसरे शहरों से आने वाले रोगियों का प्रॉपरली किया जाना चाहिए, वरना संक्रमण फैल सकता है।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन

- इस सीजन में लोगों को जागरुक हो जाना चाहिए। आसपास जलभराव को होने से रोकना चाहिए। अगर कहीं मलेरिया और डेंगू फैलने का अंदेशा है तो स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना जरूर दें, ताकि समय रहते बचाव व राहत कार्य शुरू किए जा सकें।

डॉ। संजय बरनवाल, मेडिकल ऑफिसर, संक्रामक सेल स्वास्थ्य विभाग