CO office में है posting

कांस्टेबल जीतेन्द्र मौर्या सीओ सिविल लाइंस ऑफिस में पोस्टेड हैं। उनका बैंक एकाउंट भारतीय स्टेट बैंक के सिविल लाइंस शाखा में है। 11 दिसंबर को जीतेन्द्र के मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज पढ़ते ही उसके होश उड़ गए। मैसेज बैंक की तरफ से था जिसमें रुपए ट्रांजेक्शन की बात थी। अभी कुछ समझ पाता कि एक और मैसेज आ गया और वह भी ट्रांजेक्शन का ही था। जीतेन्द्र परेशान हो गया कि जब बैंक गया नहीं, एटीएम उसके पास है तो फिर ये हो क्या रहा है। समझते देर न लगी कि सारा माजरा इंटरनेट बैंकिंग का है।

Seize कराया account

धीरे-धीरे करके करीब 12 हजार रुपए साइबर क्रिमिनल्स ने शॉपिंग करके निकाल ली। जीतेन्द्र को लगा कि अब उन्होंने देर की तो बैंक एकाउंट ही खाली हो जाएगा। वह तुरंत ही स्टेट बैंक ऑफिस पहुंचे और अपना बैंक एकाउंट सीज करा दिया ताकि कोई नेक्स्ट ट्रांजेक्शन न हो सके। पुलिस विभाग से मामला जुड़ा था, ऐसे में काम भी जल्दी हो गया। लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब कुछ कैसे हो गया।

पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट

जीतेन्द्र ने बैंक से अपनी कार्रवाई करने के बाद सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में सूचना दी। पुलिस ने जीतेन्द्र की तहरीर पर फ्राड का मामला दर्ज कर लिया। अब साइबर सेल इस केस की जांच में जुट गई कि ट्रांजेक्शन कैसे हो गया। जीतेन्द्र ने बताया कि उन्होंने 10 दिसंबर को अल्लापुर एरिया में स्थित एक एटीएम से रुपए निकाले थे। जबकि एटीएम से रुपए निकालने के दौरान अंदर कोई भी नहीं था। अंदर पैसे निकालने वालों के बाहर निकलने के बाद ही जीतेन्द्र अंदर गए थे। फिर कहां चूक हो गई उन्हें पता नहीं चल पाया। लेकिन पुलिस को यकीन है कि 10 दिसंबर को ही किसी ने उनके एटीएम का नंबर और पासवर्ड कॉपी कर लिया और 11 दिसंबर को इंटरनेट के थू्र शॉपिंग करने लगा।

Be alert

-एटीएम के अंदर किसी के होने पर कार्ड यूज न करें

-अपना एटीएम कार्ड किसी दूसरे को यूज न करने दें

-एटीएम का पिन कोड कोई एक नंबर कभी न रखें

-ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलते ही बैंक से करें कंप्लेन

-बैंक एकाउंट सीज कराने के बाद पुलिस से करें कंप्लेन