- दूषित पानी से करें बचाव, साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल

- अपने आप इलाज से बचें, अस्पतालों में बढ़ रहे हैं मरीज

LUCKNOW: बारिश के मौसम में बीमारियां भी पांव पसार रही हैं। जरा सी लापरवाही से ये बीमारियां बड़ों और बच्चों को अस्पताल पहुंचा रही है.ऐसे में अस्पतालों के बेड लगातार फुल चल रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि थोड़ा संभलकर मौसम का लुत्फ उठाएं तो इनसे बचा जा सकता है।

डायरिया हो सकता है खतरनाक

बारिश के मौसम में डायरिया सबसे खतरनाक समस्या है, जो साफ-सफाई की कमी और दूषित पानी के कारण होती है। इसमें पेशेंट में पेट में दर्द, उलटियां और दस्त होते हैं। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर में पानी की कमी के कारण कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है। इसके लिए पेशेंट को बार-बार ओआरएस का घोल पीना चाहिए। इससे बचने का एक मात्र उपाय है कि शुद्ध पानी का ही सेवन करें ओर बाहर खाने से बचें। हर साल लखनऊ में ही दर्जनों मरीजों की मौत डायरिया के कारण हो जाती है।

वायरल फीवर से भी खतरा

केजीएमयू के डॉ। डी हिमांशु के अनुसार, मौसम में सर्दी गर्मी के साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर इम्युन सिस्टम कमजोर है तो प्रतिरक्षा तंत्र में कमजोरी के कारण वायरस अपनी चपेट में ले लेता है। यह बुखार तीन से सात दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन ऐसे में डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। डॉक्टर्स के अनुसार अगर वायरल फीवर आता है तो सिर्फ पैरासीटामॉल टेबलेट ही लें वह भी डॉक्टर की परामर्श से। घर में फीवर नापते रहें और डॉक्टर के पास जाएं तो उसे दिखाएं। ताकि सही इलाज मिल सके। बारिश के दौरान ही कॉमन फ्लू से नाक से पानी बहना, गले में खराब, खांसी की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।

कॉमन है सर्दी जुकाम

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। प्रदीप शुक्ला के अनुसार, बच्चों को इस मौसम में भीगने से बचाएं। बारिश में भीगने से सर्दी और जुकाम की समस्या काफी कॉमन है। साथ ही ताजा खाना खाएं। जंकफूड और ऑयली खाने के बजाए ताजे फल और सब्जियां लें। फल और सब्जियां धोकर खाएं। बाहर के खाने से बचें और मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी लगा कर सोएं या क्रीम या लोशन लगा सकते हैं। इसके अलावा दूषित पानी के प्रयोग से लीवर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। जिसके कारण पीलिया होना आम बात है। इससे ब्लड में सीरम बिलरूबिन की मात्रा बढ़ती है और शरीर में दर्द और कमजोरी की समस्या होती है। ऐसे में मरीज को कम वसा वाला भोजन के करें। साथ ही डॉक्टर को दिखाकर आगे इलाज कराएं।

इनका रखें विशेष ध्यान

- साफ पानी का ही इस्तेमाल करें।

- पानी उबाल कर पिएं और बाहर खाने से बचें।

- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।

- डायरिया या वायरल की स्थिति में डॉक्टर को दिखाएं।