बेंगलुरू (एएनआई)। बेंगलुरू के फ्रीडम पार्क में आयोजित एक एंटी सीएए रैली में प्रदर्शन के दौरान अमूल्या को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ हो रहा था। शहर के सिविल कोर्ट ने अमूल्या को इस मामले में जमानत दे दी है। उसके उस कृत्य के लिए उस पर देश द्रोह का आरोप लगाया गया था। उसने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में नारेबाजी की थी।

कोर्ट में कहा नारेबाजी की लेकिन यह नहीं कहा कि पाकिस्तान उनका देश

जमानत पर सुनवाई करते हुए पिछली रात कोर्ट ने अमूल्या की जमानत मंजूर कर ली। अमूल्या के वकील ने कहा कि उनकी ओर से कोर्ट में दलील दी कि वह सिर्फ 19 साल की युवती हैं। वे बेंगलुरू की एक निजी काॅलेज में पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने भले ही 'पाकिस्तान जिंदाब' के नारे लगाए लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि पाकिस्तान उनका देश है।

पहले नामंजूर हो चुकी है अमूल्या की जमानत अर्जी, इस बार सशर्त बेल

सिटी सिविल और सेशन कोर्ट जज विद्याधर शीराहत्ती ने पूर्व में अमूल्या द्वारा दाखिल जमानत की अर्जी नामंजूर कर दी थी। उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी क्योंकि उस समय तक पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। अब सिटी सिविल कोर्ट ने अमूल्या की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसकी सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।

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