- सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा रिकार्डो की कराई जा रही चेकिंग

- फर्जी तरीके से रिफंड पाने वाले व्यापारियों के खिलाफ शुरू हुई जांच

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PRAYAGRAJ:

जीएसटी में रजिस्टर्ड जो व्यापारी, कारोबारी और एक्सपोर्टर फ्रॉड कर रहे हैं, फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर रिफंड हासिल कर रहे हैं, ऐसे व्यापारी और एक्सपोर्टर अपनी आदत सुधार लें। क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा डेटा एनालिटिक्स विंग बनाई गई है, जो व्यापारियों के डॉक्यूमेंट की जांच कर रही है। डेटा एनालिटिक्स विंग ने अपनी इंक्वायरी में 931 जालसाजी के मामलों को पकड़ा है, जिनमें प्रयागराज के भी मामले हो सकते हैं।

डेटा एनालिटिक्स की है व्यापारियों पर नजर

माल का प्रोडक्शन करने वाली कंपनियां गवर्नमेंट से इनवर्टेड टैक्स लेती हैं। वहीं एक्सपोर्टर्स द्वारा दिए जाने वाले टैक्स भी रिफंडेबल हैं, लेकिन इसके लिए एक्सपोर्टर्स को क्लेम करना पड़ता है। कई व्यापारियों, फैक्ट्रियों के मालिकों व एक्सपोर्टर्स ने फ्रॉड करके गवर्नमेंट से रिफंड ले लिया है। एक्सपोर्ट न होने के बाद भी फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिये एक्सपोर्ट दिखाया है और रिफंड ले लिया है। फैक्ट्रियों ने रॉ मैटेरियल खरीदा नहीं, फिर भी रिफंड ले लिया। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए ही डेटा एनालिटिक्स द्वारा जांच की जा रही है। जिनके डॉक्यूमेंट गड़बड़ पाए जा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

931 मामलों की हो रही जांच

सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा डेटा एनालिटिक्स सेंटर बनाया गया है, जो तमाम डॉक्यूमेंटेशन पर एनालिसिस करती रहती है। रिफंड के साथ ही ई-वे बिल के भी एनालिसिस होते रहते हैं। डेटा एनालिटिक्स की रिपोर्ट पर सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के संबंधित जोन और सेक्टर को डायरेक्ट लेटर भेजा जाता है। ताकि रिफंड की रिकवरी हो सके। सेंट्रल लेवल पर 931 मामलों की जांच की जा रही है। सेक्टर लेवल पर कार्रवाई होगी। ई-वे बिल में फर्जीबाड़ा भी पकड़ा गया था।

व्यापारियों, फैक्ट्रियों व एक्सपोर्टर्स द्वारा किए जा रहे डॉक्यूमेंटेशन की जांच डेटा एनालिटिक्स द्वारा की जा रही है। ई-वे बिल पर भी एनालिसिस विंग की नजर है। जहां-जहां के व्यापारियों के डाक्यूमेंट में गड़बड़ी मिल रही है, संबंधित सेक्टर को नोटिस भेजा जा रहा है, ताकि रिकवरी हो सके।

अरुण कुमार गौतम

डिप्टी कमिश्नर, एडमिनिस्ट्रेशन

कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट