-मध्य गंग नहर के किनारे स्थापित है मां का मंदिर

- माघ माह के हर सोमवार को लगता है विशाल मेला

Mawana : हस्तिनापुर क्षेत्र में मध्य गंग नहर के किनारे स्थित मां भद्रकाली मंदिर आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। भक्तों की मन्नत पूरी करने वाली मां के दर्शन मात्र से ही असीम शांति का अनुभव होता है। यूं तो मां के भक्त हर दिन यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं, लेकिन खास तौर पर माघ माह के हर सोमवार को यहां विशाल मेला लगता है।

भक्तों को रहती है भीड़

तहसील मुख्यालय मवाना से करीब 15 किलोमीटर दूरी पर मध्य गंग नहर के किनारे मां भद्रकाली का मंदिर स्थित है। किवदंती है कि सतयुग के अंत में इस क्षेत्र में वृत्तासुर नाम के असुर का आतंक था। वह किसी साधु को यज्ञ तक पूरा नहीं करने देता था ़उससे देवता भी त्रस्त हो चुके थे ़देवताओं ने भगवान शिव की स्तुति की और भगवान शिव के त्रिनेत्रों से देवी प्रकट हुई, भगवान शिव ने उनका नाम भद्रकाली रखा। मां भद्रकाली ने उस असुर से भीषण युद्ध किया और अंत में उसका संहार किया कहा जाता है कि असुर का अंत होने के बाद मां भद्रकाली ने मनुष्याें को आशीर्वाद दिया। वर्तमान में यहां स्थित मंदिर में माघ महीने के सभी सोमवारों को विशाल मेला लगता है और क्षेत्र सहित दूर दराज से श्रद्धालु आकर यहां पूजा अर्चना करते हैं।

पूरी करती हैं मन्नत

मंदिर के महंत गड़बड़पुरी महाराज मंदिर की महिमा बताते हैं ़ वह कहते हैं कि मां भद्रकाली अपने दरबार से कभी किसी को खाली हाथ नहीं जाने देती ़आसपास के प्रदेशों से भी यहां लोग आकर मन्नत मांगते हैं और पूरी होने पर फिर से प्रसाद चढ़ाने व पूजा करने आते हैं। क्षेत्र के लोग भी मानते हैं कि मां भद्रकाली की कृपा से उनकी फसलें अच्छी होती हैं और पशु भी अच्छा दूध देते हैं।