कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। दिवाली के दो दिन बार पड़ने वाले भाई-दूज के पर्व का विशेष महत्व है। यह दिन भाई और बहनों को समर्पित है। बहने अपने भाई के टीका करके उनके सुख और समृद्घि की दुआएं मांगती हैं। अपराह्न व्यापिनी कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भैया-दूज का पर्व मनाया जाता है।इस वर्ष यह पर्व 16 नवंबर 2020,सोमवार को मनाया जाएगा।

राहु-काल में नहीं मनाना चाहिए भाई-दूज
इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग प्रातः 6:45 बजे से अपराह्न 2:36 बजे तक एवं सिद्दि योग प्रातः 6:45 बजे से कुछ ही समय तक रहेगा। इस दिन शुक्र ग्रह का अपनी तुला राशि मे प्रवेश रात्रि में होगा।इस दिन वृश्चिक की संक्रांति भी प्रातः 6:54 बजे से लग रही है। इस दिन राहू-काल प्रातः 8:04 बजे से 9:24 बजे तक रहेगा। इस समय मे भाई-दूज नहीं मनाना चाहिये।

भाई-दूज तिलक मुहूर्त:-
1.प्रातः काल:- 6:44 बजे से 8:04 बजे तक, अमृत के चौघड़िया में।
2.प्रातः काल:- 9:24 बजे से 10:44 बजे तक, शुभ के चौघड़िया में।
3.अपराह्न काल:-1:24 बजे से सांय काल 5:24 बजे तक, चर-लाभ-अमृत के चौघड़िया मुहुर्त में।

भाई-दूज की कथा
दीपावली महापर्व का पांचवां अंतिम पर्व भाई-दूज है।जिसे भाई बहन के स्नेह पर्व के रूप में शास्त्रों में भी प्रतिष्ठा मिली हुई है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं।इस दिन चित्र गुप्त की पूजा भी की जाती है।कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर विश्वकर्मा की पूजा का प्रचलन है।इस दिन प्रातः काल चंद्र-दर्शन करना चाहिए।चंद्र दर्शन सूर्योदय से ठीक पूर्व होगा।इस दिन यमों के दस नामों का स्मरण करना चाहिए। भाई-दूज अपराह्न या सांय काल मे शुभ-अमृत के चौघड़िया में करना चाहिए।राहु-काल मे भाई दूज तिलक नहीं करना चाहिए। इस दिन सर्वार्थसिद्धि एवं सिद्धि योग भी रहेगा।इस दिन वृश्चिक की संक्रांति है।इस दिन द्वितीया तिथि प्रातः 7:07 बजे से आरम्भ होकर पूरे दिन रहेगी। भविष्यपुराण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यम की बहन ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन का निमंत्रण दिया।यम ने घर जाकर यमी के द्वारा बनाया हुआ भोजन खाकर प्रसन्न होकर यम ने वर दिया जो बहन इस दिन अपने भाई को भोजन कराएगी एवं टीका करेगी उनकी रक्षा होनी चाहिये।भाई-दूज मनाने से भाई बहन में आत्मीय स्नेह बना रहता है।

घर के दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए तेल का दीपक
ऐसा माना जाता है कि जो बहन अपने भाई को इस दिन पान खिलाती है,उनका सौभाग्य अखंडित रहता है।भाई को भी यमलोक का भय नहीं रहता है। आज के दिन अपने घर के दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाने से भाई-बहिनों के रिश्तों में प्रेम व सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है तथा उनके आय में भी वृद्धि होती है। यह दिन भाई-बहनों के लिए खास होता है।

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा
बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।