- शनिवार को परेड रामलीला में नाव नवइया, चित्रकूट प्रवास, दशरथ मरण आदि लीलाओं का मंचन

KANPUR। चित्रकूट में जैसे ही प्रभु राम अपने छोटे भाई भरत से मिलते हैं, तो दोनों भाइयों की आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं लेते। अपने-अपने धर्म लिए जब दोनों भाई एक-दूसरे से मिलते हैं तो दोनों भाइयों का मिलाप देखकर वहां मौजूद सभी गुरुओं, प्रजाजनों व माताओं की आंखों से भी आंसू छलक उठते हैं। शनिवार को परेड रामलीला में जब प्रभु की इस लीला का मंचन हुआ तो दर्शकों की आंखें भी नम हो गई।

दशरथ मरण देख नहीं रुके आंसू

राम लीला में शनिवार को नाव नवईया, चित्रकूट प्रवास, दशरथ मरण आदि लीलाओं का मंचन किया गया। जब अपने पुत्र राम को याद कर महाराजा दशरथ अपने प्राण त्यागते हैं तो दशरथ के पुत्र वियोग को देखकर मौजूद सभी दर्शक भी भाव-विभोर हो उठते हैं।

केवट कराता है नदी पार

भगवान राम जब नदी पार करते हैं, तो नदी के किनारे बैठा केवट उनसे जिद कर बैठता है कि प्रभु जब आपने शिला पर पैर रखा और वो सुंदर नारी में बदल गई तो कहीं मेरी नाव भी नारी में न बदल जाए। मेरी तो जीविका ही इससे चलती है। केवट शर्त रखता है कि पहले प्रभु के पैर धो कर पिउंगा। अगर मेरे ऊपर कोई असर नहीं हुआ तो ही नाव में बैठने दूंगा। केवट इस तरह से प्रभु का चरणामृत पीकर अपने लोक सुधार लेता है।