आगरा (ब्यूरो) शिव के विभिन्न रूपों को दर्शाया। बताया कि किस तरह उनका रूप होता है। कब वह तीसरा नेत्र खोलते हैं। वह कौन-कौन से आभूषण धारण किए हुए हैं। दर्शकों ने भी कलाकारों की इन परफॉर्मेस को खूब सराहा।

शिव के रूप दिखाए

शिल्पग्राम स्थित मुक्ताकाशीय मंच पर रात करीब नौ बजे भरतनाट्यम डांसर श्रेयसी गोपीनाथ पहुंची। उन्होंने पुष्पांजलि से अपनी परफॉर्मेस की शुरूआत की। इसके बाद लॉर्ड शिवा के पंचाक्षर श्लोक पर परफॉर्मेस दी। इसमें लॉर्ड शिवा के आभूषणों, जैसे नाग, गंगा, चंद्रमा आदि को अपने नृत्य के माध्यम से परफॉर्म किया। इसके साथ ही श्रीकृष्ण-राधा की लीलाओं पर भी प्रस्तुति दी। इससे पहले भरतनाट्यम डांसर अर्चिषा स्वर्णकर ने परफॉर्मेस दी।

'वो कागज की कश्ती'

इससे पहले मथुरा के सिंगर डॉ। शांतानु चौधरी ने कई परफॉर्मेस दीं। 'वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी', 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं' आदि को अपनी सुरमयी आवाज दी, तो मुक्ताकाशीय मंच का पांडाल ऑडियंस की तालियों की आवाज से गूंज उठा।