फ्लैग बीएचयू में कम्प्यूटर की मनमानी, पहले दी खुशी फिर फेरा पानी

ये क्या कर दिया कम्प्यूटर जी!

रेट एग्जाम में साफ्टवेयर की गड़बड़ी से सभी कैंडिडेट्स के पास पहुंच गया कॉल लेटर, यूनिवर्सिटी के उड़े होश

कॉल लेटर पहुंचने के अगले दिन सभी को ईमेल के जरिये दी गयी गड़बड़ी की सूचना

VARANASI

केस वन

इंग्लिशिया लाइन निवासी एक स्टूडेंट ने बीएचयू के रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (रेट) दिया और बेसब्री से रिजल्ट का इंतजार कर रहा था। चार दिसंबर को (शाम 4.03 बजे) बीएचयू की ओर से कॉल लेटर का ईमेल आया जिसमें उसे क्वालीफाईड बताते हुए 15 दिसंबर को काउंसिलिंग के लिए संबंधित डिपार्टमेंट में आने को कहा गया था। युवक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन अगले ही दिन पांच दिसंबर को (शाम 5.05 बजे) उसे एक और मिला जिसमें उसे बताया गया कि उसने टेस्ट क्वालीफाई नहीं किया है और कॉल लेटर वाला मेल साफ्टवेयर की गलती से गया है।

केस टू

लंका निवासी एक गर्ल स्टूडेंट भी बीएचयू के रिसर्च एंट्रेस टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार कर रही थी। उसे भी बीएचयू की ओर से ईमेल के जरिये काउंसिलिंग के लिए कॉल लेटर आया। जिसमें उसे 15 दिसंबर को संबंधित विभाग में बुलाया गया। इसकी खुशी दो दिन भी न टिक सकी। अगले ही दिन उसे एक दूसरा मेल मिला जिसने खुशी के चेहरे पर उदासी की लकीरें खींच दी। मेल में लिखा था कि कॉल लेटर गलती से चला गया है। आपने टेस्ट क्वालीफाई नहीं किया है।

पहले बुलाया, फिर किया मना

ये दोनों वाकये तो सिर्फ बानगी भर हैं। ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या हजारों में है जिन्होंने रेट में अप्लाई किया था और टेस्ट देने के बाद उन्हें बीचएयू की ओर से कॉल लेटर का ईमेल मिला। उसके अगले ही दिन नये ईमेल से कॉल लेटर कैंसिल किये जाने की सूचना मिली। पहले ईमेल भेज कर कांउसिलिंग के लिए बुलाना और भी उसे कैंसिल कर देने की बीएचयू के इस कवायद से स्टूडेंट्स में खासे परेशान हैं।

सबको भेज दिया कॉल लेटर

चौंकाने वाली बात यह है बीएचयू की ओर से काउंसिलिंग कैंसिल किये जाने संबंधित ईमेल में इस पूरी गलती के लिए कंप्यूटर साफ्टवेयर को जिम्मेदार बताया गया है। साफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते जिसने भी टेस्ट दिया उन सभी के मेल पर आटो जनरेटेड कॉल लेटर सेंड हुए और काउंसिलिंग की डेट, टाइमिंग और प्लेस तक की सूचना चली गयी। सूत्रों का कहना है कि बीएचयू की इस गड़बड़ी को लेकर अधिकारी भी हैरान है। इमरजेंसी मीटिंग भी बुलायी गयी थी।

कैंडीडेट्स लगा रहे चक्कर

कॉल लेटर की गड़बड़ी के बाद हजारों कैंडीडेट हैरान-परेशान हैं। ज्यादातर समझ नहीं पा रहे है कि वह पहले ईमेल को सच माने या दूसरे को। अपनी कंफ्यूजन दूर करने के लिए सैकड़ों कैंडीडेट बुधवार से यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि वहां उन्हें क्लीयर किया गया कि सब साफ्टवेयर की गड़बड़ी से हुआ। दूसरा ईमेल ही सही है।