VARANASI

प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से दी आर्ट गैलरी में गुरुवार को विविध भारती के एनाउंसर यूनुस ख़ान और कथाकार ममता सिंह का लेक्चर आयोजित किया गया। यूनुस ख़ान ने कहा कि भरत व्यास, शैलेन्द्र, साहिर लुधियानवी, मजरूह सुल्तानपुरी, इरशाद कामिल और वरुण ग्रोवर जैसे गीतकारों ने फि़ल्म और ग्लैमर की दुनिया मे रहकर भी अपने भीतर के शायर को बचाये रखा। शैलेन्द्र को फिल्मी दुनिया में सिनेमाई कबीर की तरह देखा जाता है। बहुत कम लिखने वाले गीतकार योगेंद्र ने अपने गीतों में वह लिखा जो हिन्दी की साहित्यिक दुनिया में विरल हो सकती है। लेकिन हम कहीं न कहीं आज भी सिनेमा साहित्य और संगीत को दोयम दजऱ्े से देखते हैं। उन्होंने कहा कि सखी-सहेली एक ऐसा कार्यक्त्रम है जो भारत की गांव-गिरांव की कामगार महिलाओं तक पहुंचा है जिसे ममता सिंह जैसी एनाउंसर ने अपने बातचीत के तरीके और आत्मीयता के साथ उन स्त्रियों में विचार बोने का काम करती रही हैं। आयोजन में प्रो। संजय कुमार, डॉ.गोरखनाथ, डॉ संजय श्रीवास्तव, डॉ। शिवानी गुप्ता, कुसुम वर्मा, डॉ। आशीष कुमार, मिठाईलाल आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता बीएचयू हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.बलिराज पांडेय ने की। स्वागत डॉ.प्रभाकर सिंह और धन्यवाद डॉ। नीरज खरे ने दिया। संचालन और संयोजन डॉ। वन्दना चौबे ने किया।