सरकारी अस्पतालों में मरीजों के सिर मंडरा रही मौत

एसआरएन हॉस्पिटल के टीबी वार्ड में हो रहा नियमों का उल्लंघन

ALLAHABAD: बीएचयू के इमरजेंसी वार्ड में धमाके की गूंज पीएमओ तक सुनाई दी है। हादसा एसी की पाइप लाइन, आक्सीजन सिलेंडर के फटने या किसी एक्सप्लोसिव से हुआ, इसकी जांच चल रही है। ऐसे में इलाहाबाद के सरकारी अस्पतालों मरीजों की सुरक्षा पर आईनेक्स्ट ने पड़ताल की तो चिंताजनक स्थिति सामने नजर आयी। नियमों उल्लंघन कर एसआरएन हॉस्पिटल में मरीजों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में यहां बीएचयू जैसा ब्लास्ट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

हर बेड पर ऑक्सीजन सिलेंडर

मरीजों को कृत्रिम सांस दिए लाने के लिए यूज होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर काफी विस्फोटक माने जाते हैं। इनको इस तरह से खुलेआम में रखना घातक साबित हो सकता है लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन इस सबसे बेफिक्र है। टीबी के मरीजों के लिए बने वार्ड नंबर 18 के बाहर भारी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हुए हैं, जो कभी भी हादसे को दावत दे सकते हैं।

लीकेज की आधा दर्जन घटनाएं

किसी हादसे को दावत देने वाली घटना का इंतजार करना मुश्किलों भरा साबित हो सकता है। फिलहाल पिछले छह माह में आधा दर्जन ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें इन सिलेंडरों के लीक होने से मरीजों और परिजनों के बीच भगदड़ और अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। हर बार घटना को टालने की कोशिश की गई। बावजूद इसके हॉस्पिटल प्रशासन की अभी तक आंख नहीं खुल सकी है।

कब लगेगी पाइन लाइन

मरीजों को इस तरह से सीधे सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराना नियमों के खिलाफ है। इसके लिए बकायदा वार्डो में ऑक्सीजन पाइप लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पाइप लाइन लगाने के उपकरण आकर रखे हुए हैं और हर बार शासन की टीम आकर नापजोख करके चली जाती है। काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है।

नही हो रही सुनवाई

खतरे को देखते हुए वार्ड के नजदीक से ऑक्सीजन सिलेंडरों को हटाने की मांग कई बार की जा चुकी है। खुद टीबी एंड चेस्ट विभाग ने भी इसकी पहल की लेकिन अभी तक हॉस्पिटल प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी है। यहां तक कि इन सिलेंडरों को ले जाने के लिए एक ट्राली की भी व्यवस्था नहीं की गई। मजबूरी में परिजन भारी सिलेंडर लेकर आते हैं, जिससे कभी भी वह घायल हो सकते हैं।

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क्या हुआ था बीएचयू में

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल परिसर में शनिवार दोपहर तेज आवाज के साथ हुए धमाके में 27 लोग घायल हो गए। इनमें कईयों की हालत गंभीर बनी है। धमाका इतना तेज था कि हॉस्पिटल की छत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय पुलिस समेत एटीएस की टीम धमाके के कारणों की की जांच कर रही है।