- साढ़े सत्ताइस घंटे बाद समाप्त हुआ छात्राओं का धरना-प्रदर्शन

- कुलपति ने कहा विवि परिसर में नहीं है लैंगिक भेदभाव का स्थान

<- साढ़े सत्ताइस घंटे बाद समाप्त हुआ छात्राओं का धरना-प्रदर्शन

- कुलपति ने कहा विवि परिसर में नहीं है लैंगिक भेदभाव का स्थान

VARANASI

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छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग पर डटीं छात्राओं का संघर्ष आखिरकार रंग लाया। विवि प्रशासन ने प्रो। चौबे को तत्काल छुट्टी पर भेजते हुए मामले को दोबारा कार्यकारिणी परिषद में रखने का निर्णय लिया है। वहीं छात्राओं ने साढ़े सत्ताइस घंटे से चल रहे धरना-प्रदर्शन को रविवार रात समाप्त करते हुए अपनी जीत का जश्न मनाया।

शैक्षणिक भ्रमण पर छात्राओं संग अश्लील हरकत व छेड़खानी मामले में चली लंबी जांच में जंतु विज्ञान के प्रोफेसर को दोषी पाया गया था। इसके बाद कार्यकारिणी परिषद ने

किये जाने के उपरांत प्रो0 शैल कुमार चौबे को “सेन्श्योर“ की सजा दी गयी । इसके अतिरिक्?त उन्हें भविष्य में इस प्रकार के सभी गतिविधियों के दायित्वों से मुक्?त रखने का आदेश दिया गया है। उन्हें दी गयी उपरोक्?त सजा उनके सेवा अभिलेख में भी दर्ज किया गया है।

उक्त मुद्दे की गंभीरता के मद्देनज़र इस पर विचार करने हुये आज विश्?वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उक्?त मामले को कार्यकारिणी परिषद के समक्ष पुनर्विचार हेतु पुन: प्रस्तुत किया जायेगा तथा जब तक कार्यकारिणी परिषद इस मामले पर पुनर्विचार करे तब तक के लिये प्रो0 शैल कुमार चौबे को लम्बी छुट्टी पर जाने हेतु आदेश पारित कर दिया गया है।

विश्वविद्यालय में सेक्शुअल हैरास्मेंट के मामलों के रोकथाम हेतु “उच्?चतर शैक्षिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों एवं छात्रों के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण, निषेध एवं इसमें सुधार विनियम“ के अंतर्गत स्थापित विभिन्न दिशा-निर्देशों को पहले ही विश्?वविद्यालय के समस्त विभागों में अधिसूचित कर दिया गया है। इन दिशा-निर्देशों को सभी विभागों के सूचना पट्ट पर लगाने हेतु इसे पुन: अधिसूचित किया जायेगा।

“उच्?चतर शैक्षिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों एवं छात्रों के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण, निषेध एवं इसमें सुधार विनियम“ के प्रावधानों के अनुरुप विश्?वविद्यालय में पहले से ही आंतरिक शिकायत समिति कार्यान्वित है जिसमें विश्?वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के अतिरिक्?त गैर शासकीय संगठनों के प्रतिनिधि सदस्य के रुप में शामिल है। इसके अतिरिक्?त पूर्व से ही विश्?वविद्यालय के सभी संकायों में तथा विश्?वविद्यालय स्तर पर महिला शिकायत निवारण प्रकोष्?ठ सक्त्रियतापूर्वक कार्य कर रहे है।

कुलपति ने पुन: यह कहा है कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार के लैंगिक भेदभाव अथवा उत्पीड़न की घटनाओं के प्रति संवेदनशील है तथा इन प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नही किया जायेगा।