अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्टाइलिश साइकिलें बन रही युवाओं की पहली पसंद

शहर में 40 हजार से लेकर डेढ़ लाख की आकर्षक साइकिलों की रेंज है मौजूद

Meerut। ऐसा माना जाता है कि 1839 में स्कॉटलैंड के लुहार किर्क पैट्रिक मैकमिलन ने आधुनिक साइकिल का आविष्कार किया था। इससे पहले साइकिल थी, मगर उसे चलाना कठिन था। मैकमिलन ने इसे पैरों से चला सकने योग्य बनाया। इसके बाद साइकिल के आधुनिकीकरण ने रफ्तार पकड़ ली। भारत में 1947 के बाद साइकिल का दौर आ गया। यह साइकिल शहर की सड़कों से लेकर गांव की पगडंडियों तक दौड़न लगी। सरल, किफायती और पर्यावरण के लिए मुफीद साइकिल दुनिया में छाई तो इसकी महत्ता बढ़ गई। दुनिया में साइकिल का क्रेज इस कदर बढ़ा कि 3 जून को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व साइकिल दिवस घोषित कर दिया। गत एक दशक में सड़कों पर साइकिल का दिखना कम क्या हुआ लोग कहने लगे कि साइकिल का जमाना लद गया। मगर वास्तविकता ये है कि जिनके पास गाडि़यों की भरमार है, उनका मन आज भी साइकिल का पैडल घुमाने का करता है।

पुराना स्टाइल चलन से बाहर

पुराने स्टाइल के बजाय ब्राडेंड कंपनियों की अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्टाइलिश साइकिलें आज युवाओं के लिए फिटनेस के साथ टशन भी बन गई है। आज सड़कों की अपेक्षा सोसायटी और कॉलोनियों में साइकिल ज्यादा दिखने लगी हैं। नई डिजाइन की शॉकर और डिस्कब्रेक से लैस साइकिलें युवाओं की पहली पसंद बनती जा रही हैं। एक समय में हजार से डेढ़ हजार रुपये में बिकने वाली साइकिल का बाजार अब बढ़कर 40 हजार से डेढ़ लाख तक पहुंच गया है। शहर में साइकिल शोरूम वालों का कहना है कि साइकिल की डिमांड बाइक से कम नहीं हैं। लोग गियर पैटर्न से लेकर डिस्क ब्रेकिंग सिस्टम और मोटे टायर के साथ अलॉय व्हील वाली साइकिलों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

8 से 10 लाख का कारोबार

साइकिल व्यापारियों की मानें तो शहर में साइकिल का रोजाना करीब 8 से 10 लाख रुपये का व्यापार होता है। सबसे अधिक बच्चों की साइकिल यानि छोटे साइज की साइकिलों की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। ये साइकिल 400 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक की रेंज में बाजार में उपलब्ध हैं। इससे अलग कुछ कंपनियों ने अपनी साइकिल के डिजाइन के हिसाब से दाम तय किए हुए हैं। अलग-अलग डिजाइन को अलग-एलग नाम दिया हुआ है। इनमें रेंजन, इंपैक्ट, ए-वन, बूस्टर, लेडी बर्ड, फ्लाइंग किड्स आदि साइकिल सबसे ज्यादा चलन में हैं।

बैटरी का भी विकल्प

साइकिल को सेहत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतरीन विकल्प माना जाता है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के लिए बाइक को टक्कर देने का काम भी साइकिल कंपनियों ने शुरू कर दिया है। जिसके तहत बाजार में पैडल वाली साइकिल के साथ-साथ बैटरी से लैस साइकिले भी लोगों के लिए सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनी हुई हैं। साइकिल व्यापारियों की मानें तो ये साइकिल उन प्रोफेशनल लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो अपने समय की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को संरक्षित करना चाहते हैं। कुछ कंपनियों ने 15 से 20 हजार की रेंज में बैटरी चलित साइकिल को बाजार में उतारा भी है।

लगातार बदलती डिजाइनिंग, आधुनिक तकनीक और ग्राफिक्स ने साइकिल के बाजार को पिछले कुछ सालों में दोबारा बूम दिया है। बाजार में 40 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक की साइकिल उपलब्ध हैं। इससे अधिक रेंज भी साइकिल में आती है लेकिन वह ऑन डिमांड ही मंगाई जाती है।

तरुण चोपड़ा, अविनाश एजेंसी

ये हैं फायद

रोज कुछ देर के लिए साइकिल चलाने से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। धड़कन तेज होती है और हार्ट प्रॉपर काम करता है।

साइकिल चलाने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

साइकिल चलाकर आप कुछ ही दिनों में वजन कम कर सकते हैं।

शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को घटाने में साइकिल बहुत हेल्पफुल है।

डेली साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।

डिप्रेशन की समस्या दूर होने लगती है।

जिनको वॉक करने में दिक्कत होती है। घुटनों में दर्द रहता है उनके लिए साइकिलिंग बेस्ट है। बीपी, शुगर कंट्रोल रहता है। ज्वाइंट पेन ठीक होता है। एडल्ट्स के लिए भी साइकिल चलाना एक्सराइज का बहुत अच्छा विकल्प है।

डॉ। तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन

हार्ट के लिए साइकिलिंग बहुत बढि़या ऑप्शन है। पंपिंग अच्छी होती है। दिल की कई बीमारियां ठीक होती हैं। स्ट्रेस भी दूर होता है। व्यक्ति खुश रहता है, जिससे हार्ट की वर्किंग भी प्रॉपर चलती है।

डॉ। ममतेश, कॉर्डियोलॉजिस्ट

जिम छोड़ा, साइकिल अपनाई

साइकिल से फिटनेस का फंडा युवाओं को भी लुभाने लगा है। यही वजह है कि जिम का क्रेज छोड़ साइकिलिंग फिटनेस का नया मंत्र बनती जा रही है। शहर में ही ऐसे कई युवा हैं, जिन्होंने जिम को बाय बोलकर साइकिंलिंग को अपनी लाइफ में शामिल कर लिया है।

इनका है कहना

साइकिलिंग मेरी फिटनेस का मूलमंत्र है। हर दिन डेढ़ दो घंटे साइकिल चलाता हूं। जिम के साइड इफेक्ट देखने के बाद मैंने साइकिल को अपनाया। जिम करने से करीब 6 महीने बाद रिजल्ट्स आने शुरु होते हैं जबकि साइकिल से कुछ ही दिनों में इफेक्ट दिखने लगता है।

शैलेंद्र राज त्यागी

पहले जिम जाता था। बहुत खर्चा होता था। इसके बाद साइकिलिंग करनी शुरु की। वन टाइम इंवेस्टमेंट जरूर हुई लेकिन जिम से काफी सस्ता पड़ा। इसके कई फायदे भी हुए। फिटनेस मैंटेन हुई वहीं रोजाना के कई काम साइकिल से ही निपटाने शुरु कर दिए।

मनीष यादव

साइकिल जिम से ज्यादा अच्छा और सस्ता ऑप्शन है। जिम के लिए प्रॉपर टाइम चाहिए लेकिन साइकिलिंग कभी भी की जा सकती है। इसलिए मैंने जिम छोड़कर साइकिल अपना ली। इससे वेट भी आसानी से लूज हो रहा है।

किशन सूद

जिम के लिए प्रॉपर माइंड सेट चाहिए। मुझे जिम से अच्छा साइकिल चलाना लगा। इससे फिटनेस भी बन रही है वहीं दूसरे काम भी किए जा सकते हैं। साइकिलिंग अब न्यू फैशन ट्रेंड भी है। फिटनेस के लिए साइकिल बेस्ट है।

अभिषेक शर्मा

फिट रहने के लिए मैं एक दिन में कम से कम बीस मिनट साइकिलिंग करता हूं। यही कारण है कि मैं खुद को फिट रख पाता हूं। मेरे हिसाब से साइकिलिंग बहुत जरुरी है।

ललित पंत, फुटबॉल कोच

साइकिलिंग करना सेहत और दिमाग दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जिम में सेहत बनाने में काफी समय लगता है और वो बनावटी होती है। मगर साइकिलिंग से फिटनेस में तुरंत फर्क दिखने लगता है।

सुनील, हॉकी कोच

साइकिल चलाने से हमारा शरीर स्वस्थ ही नहीं रहता बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होता है। साइकिलिंग हमारी शूटिंग के लिए के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि इससे हमारी शारीरिक व दिमागी क्षमता बढ़ती है।

आदित्य शर्मा, शूटिंग कोच

आजकल लोग साइकिलिंग को भूल रहे है, वो अपनी सेहत से सौदा कर रहे हैं। मानता हूं कि जिम में सेहत बनाई जा सकती है लेकिन साइकिलिंग इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है।

रितिक, शूटिंग कोच

साइकिलिंग करना हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है। मैं भी खुद को फिट रखने के लिए साइकिलिंग करती हूं। हर किसी को अवश्यक रुप से साइकिलिंग करनी चाहिए ताकि मानसिक व शारीरिक रुप से वह खुद को फिट रख पाए।

अलका तोमर, कुश्ती प्लेयर

साइकिल चलाने से शरीरिक, दिमागी और शरीर के हर पार्ट की कसरत होती है। इससे दिमाग तेज होता है, और शरीर फुर्तीला बनता है। आजकल की दिनचर्या में कम से कम पांच किलोमीटर साइकिलिंग करनी चाहिए।

छाया, स्टूडेंट

मैं वर्किंग हूं, इसलिए घर और ऑफिस दोनेां देखना पड़ता है। जिसके लिए मेरा फिट रहना बहुत जरुरी है। फिट रहने का सबसे बेहतर तरीका है साइकिलिंग जो मैं रेग्यूलर करती हूं।

प्रियंका, वर्किंग वूमेन

'बारिश के पानी में साइकिलिंग आज भी याद है'

मेरा पूरा बचपन साइकिल चलाकर निकला है। जब हम चौथी क्लास में थे, तब हमने साइकिल चलाना सीखा था। बारिश होने के दौरान जब सड़क पर पानी भर जाता था तो हमें पानी में साइकिल चलाकर खूब मस्ती करते थे। हम जो रेन कोट पहनते थे वह बैग पर ढक देते थे ताकि हमारी किताबें न भीगें। साइकिल चलाना हमारे लिए काफी लाभदायक है, इससे शरीर में होने वाली बीमारियां दूर रहती हैं। फिटनेस बनी रहने के लिए साइकिल चलाना बहुत जरूरी है। साथ ही साइकिलिंग पॉल्यूशन कंट्रोल करने बेहतर ऑप्शन है। पॉल्यूशन के चलते चाइना में हजारों लोग आज साइकिल से ऑफिस जा रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा हर साल साइकिल रैली बाइकॉथन का आयोजन कराया जाता है, जो फिटनेस और पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए एक बड़ा क्रेडिट है।

आलोक सिंह, आईजी रेंज मेरठ