- अगले डेढ़ माह में सौभाग्यशाली घोषित हो सकते हैं पीलीभीत व अमेठी

- रायबरेली में भी काम युद्धस्तर पर, श्रावस्ती, बलरामपुर में स्थिति खराब

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW मध्यांचल डिस्कॉम में आने वाले जिलों को सौभाग्यशाली घोषित करना चुनौती बनता जा रहा है। सर्वाधिक विषम परिस्थितियां सीतापुर, बहराइच और गोंडा में सामने आई हैं। जबकि पीलीभीत, अमेठी और रायबरेली को अगले डेढ़ माह के अंदर सौभाग्यशाली घोषित किया जा सकता है। डिस्कॉम एमडी की ओर से लगातार बैठकें कर वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। जिससे 31 दिसंबर 2018 तक हर जिले में पूर्ण विद्युतीकरण किया जा सके।

अभी तक स्थिति खराब

सौभाग्य योजना के अंतर्गत पश्चिमांचल के मुकाबले मध्यांचल डिस्कॉम में अभी एक भी जिले को सौभाग्यशाली घोषित नहीं कर सका है। जिससे डिस्कॉम के अधिकारी परेशान हैं। हाल में हुई समीक्षा बैठक में भी डिस्कॉम के एमडी से सवाल जवाब किए गए थे। जिसके बाद नए सिरे से विद्युतीकरण को लेकर प्लानिंग की जा रही है।

यहां स्थिति खराब

मध्यांचल डिस्कॉम में आने वाले गोंडा और बहराइच जिले में शत प्रतिशत विद्युतीकरण की स्थिति बेहद खराब है। गोंडा में अभी 3600 मझरों में बिजली ही नहीं पहुंची है, जबकि बहराइच में यह आंकड़ा 3200 के आसपास है। इन दोनों जिलों को दिसंबर तक सौभाग्यशाली घोषित करना है। ऐसे में एमडी की ओर से इन जिलों में अतिरिक्त एजेंसियां नियुक्त की गई हैं। जिससे यहां निर्धारित समय तक शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा सके। सीतापुर, श्रावस्ती और बलरामपुर की बात करें तो यहां भी शत प्रतिशत विद्युतीकरण की स्थिति बेहद खराब है। 700 से अधिक मझरों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।

यहां स्थिति ठीक

डिस्कॉम में आने वाले पीलीभीत, अमेठी और रायबरेली में शतप्रतिशत विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा होने वाला है। डिस्कॉम एमडी की माने तो डेढ़ से दो माह में इन जिलों को सौभाग्यशाली घोषित किया जा सकता है।

बाक्स

अभी तक के आंकड़े

3600 मझरों को जगमग किया जाना है गोंडा में

3188 मझरों तक बिजली पहुंचानी है बहराइच में

19 हजार 72 जिलों तक पहुंचाई जानी है बिजली

11 हजार के आसपास विद्युतीकरण का कार्य पूरा

8700 के आसपास मझरों को किया जाना है जगमग

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सौभाग्य योजना के अतिरिक्त बात करें तो अभी करीब 7 हजार के आसपास मझरों में शतप्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ है। यहां करीब 4 लाख 29 हजार के आसपास बिजली कनेक्शन दिए गए हैं।

संसाधनों पर फोकस

जानकारी सामने आई है कि डिस्कॉम में आने वाले जिलों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण कार्य में संसाधनों की कमी सामने आ रही है। जिसे दूर करने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बिहार और एमपी से बिजली के खंभे मंगाए जा रहे हैं। अतिरिक्त एजेंसियां भी नियुक्त की जा रही हैं।

वर्जन

पूरा प्रयास है कि दिसंबर तक हर जिले को सौभाग्यशाली घोषित किया जाए। एक दो जिलों में चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनसे निपटने के लिए प्लानिंग की जा रही है।

संजय गोयल, एमडी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि।