आगरा। मूंछों की लड़ाई ने नौ लाख की दुकान की कीमत तीन करोड़ रुपये से अधिक पहुंचा दी। ऐसा ही मामला गुरुवार को आगरा कॉलेज में देखने को मिला। आगरा कॉलेज के हॉल में मंडी समिति की दुकानों की बोली का आयोजन किया गया था। इसमें नौ लाख लागत की एक दुकान की बोली 3.15 करोड़ में छूटी, जो तय कीमत से 3500 प्रतिशत अधिक थी। एक बार को लगा कि कहीं दोनों बोली दाताओं में झगड़ा न हो जाए, लेकिन अधिकारियों ने बड़ी सूझबूझ के साथ बोली को संपन्न कराया।

दोनों पक्षों में हुई तनातनी

सिकंदरा स्थित नवीन फल सब्जी मंडी में 100 नई दुकानों का निर्माण कराया गया है, जिनके आवंटन के लिए लाइसेंस धारियों से आवेदन मांगे गए थे। 13 व 14 जून को आगरा कॉलेज में दुकानों के आवंटन के लिए जिलाधिकारी गौरव दयाल की अध्यक्षता में बोली लगाई गईं। गुरुवार को दुकान संख्या 284 की बोली नौ लाख से शुरू हुई। मैसर्स कराहरा ट्रेडर्स कंपनी के प्रोपराइटर पुष्कर सिंह और मां शेरावाली ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर पंकज यादव के बीच कंपटीशन शुरू हो गया। कंपटीशन मूंछों की लड़ाई में तब्दील हो गया। दोनों के बीच बोली लगाए जाने की होड़ हो गई। इसी बीच दोनों में तनातनी भी हो गई। माहौल गर्म हो गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों को लगा कि कहीं दोनों के बीच झगड़ा न हो जाए, इसे देखते हुए वहां पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। आखिर में मैसर्स कराहरा ट्रेडर्स कंपनी के प्रोपराइटर पुष्कर सिंह के नाम पर बोली छूटी। उन्होंने 3.15 करोड़ की बोली लगाई। वहीं, दूसरे नम्बर पर मां शेरावाली ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर पंकज यादव ने 3.10 करोड़ की बोली लगाई।

ये है दुकान की खासियत

दुकान की खासियत केवल ये है कि वह कॉर्नर की है। लेकिन वहां पर मौजूद बोली दाताओं का कहना है कि वह दुकान किसी भी कीमत पर 3.15 करोड़ की नहीं है। केवल मूंछों की लड़ाई में इतनी बोली पहुंच गई।

50 का हुआ है आवंटन

100 दुकानों का आवंटन होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। केवल अभी 50 ही दुकानों का आवंटन हुआ है। शेष 50 दुकानों के लिए सोमवार और मंगलवार को बोली के लिए लाइसेंस धारियों को आमंत्रित किया गया है।

दिव्यांग भी नहीं रहे पीछे

दिव्यांगों के लिए कुछ दुकानें आरक्षित थीं। बोली लगाने में वे भी किसी से कम नहीं थे। दिव्यांगों ने भी 32.40 लाख तक की बोली लगाई।