पटना में सोमवार की रात हुए बम ब्लास्ट के बाद मंगलवार को आई नेक्स्ट टीम निकली कैंट रेलवे स्टेशन की सिक्योरिटी का जायजा लेने, क्योंकि ये स्टेशन पहले भी बम ब्लास्ट का गवाह रहा है। लेकिन यहां पर जो लूपहोल नजर आया वो इस बात की ओर इशारा कर रहा था कि यहां पर डेली आने वाले हजारों लोगों की जान केवल इसलिए बची हुई है, क्योंकि उन पर भगवान मेहरबान है। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं? जानना चाहते हैं तो चलें अंदर के पेज पर।

-कैंट रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त, लावारिस बैग की नहीं होती है जांच

-रेलवे स्टेशन से एंट्री करने के लिए हैं कई लूपहोल पॉइंट्स

-पटना में बम ब्लास्ट के बाद से बढ़ाई गई है सुरक्षा, पटना रेलवे स्टेशन पर टाइट की गई है सिक्योरिटी

VARANASI: पटना में सोमवार की रात हुए बम ब्लास्ट के बाद से पूरे देश में दहशत है। पटना रेलवे स्टेशन सहित महानगरों में सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गई है। लेकिन अपने शहर बनारस में सुरक्षा को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है। चूंकि पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा की गारंटी जरूर दी जाती है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। कैंट रेलवे स्टेशन पर लाखों पैसेंजर की आवाजाही होती है लेकिन उनकी सिक्योरिटी को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है। स्टेशन पर कई लूप होल पॉइंट्स हैं। रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स की लाइफ कितनी सेफ है? यह एक बड़ा प्रश्न है। इसी सवाल का उत्तर तलाशने मंगलवार को आई नेक्स्ट की टीम निकली। इस दौरान जो सच्चाई सामने आई, वो चौंकाने वाली रही। पांच आतंकी वारदात झेल चुके सिटी की सुरक्षा में छेद ही छेद हैं।

आई नेक्स्ट टीम ने एक बैग में टिफिन बॉक्स रखकर कैंट रेलवे स्टेशन पर सिक्योरिटी की रियलिटी चेक की। हर जगह जबरदस्त लापरवाही दिखी। दहशतगर्द इसका लाभ उठा सकते हैं। यह पहली बार नहीं होगा। पहले भी उन्होंने निर्दोषों का खून बहाया है। गौर से पढि़ये सिलसिलेवार यह रिपोर्ट और खुद अंदाजा लगाइये कि कैंट रेलवे स्टेशन कितना सेफ हैं।

सीन-वन

समय : एक बजे

स्थान : कैंट रेलवे स्टेशन

के नौ नंबर का एरिया का पूर्वी छोर यहां से आई नेक्स्ट टीम एक एयर बैग लेकर प्लेटफार्म संख्या नौ पर पहुंची, रेलवे ट्रैक को क्रास करते हुए प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित पैसेंजर्स हॉल में टीम पहुंच गई। सैकड़ों पैसेंजर्स के बीच में एयर बैग को अकेले छोड़ दिए। लेकिन लावारिश हाल में पड़े बैग के पास जीआरपी व आरपीएफ का एक भी जवान नहीं पहुंचा। भ्0 मिनट तक लावारिस पड़े बैग को उठाकर हम चल निकले।

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स्थान: कैंट रेलवे स्टेशन बुकिंग टिकट ऑफिस

आई नेक्स्ट टीम रेलवे स्टेशन के बुकिंग टिकट काउंटर के पास पहुंची। यहां टिकट लेने के लिए लंबी लाइन लगाए सैकड़ों पैसेंजर मौजूद रहे। इसी बीच बैग लेकर रिपोर्टर लाइन में लग गया। एक विंडो के पास बैग छोड़ दिया। ख्भ् मिनट तक विंडो से दूर समय बिताने के बाद लौटे, बैग उठाया फिर स्टेशन की ओर बिना रोक-टोक बढ़ चले। इस दौरान को कोई पर्सन चेक करने के लिए तैनात नहीं दिखा।

सीन-थ्री

स्थान, रेलवे स्टेशन इंक्वॉयरी ऑफिस

आई नेक्स्ट टीम उसी एयर बैग को लेकर पैसेंजर्स हॉल में स्थित इंक्वॉयरी कांउटर के पास पहुंची। खचाखच भरे पैसेंजर्स हॉल में हर कोई पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों की लोकेशन लेने में लगा रहा। एक दो जीआरपी के जवान भीड़ को नियंत्रित करने में लगे रहे। उसी दौरान टीम ने बैग को साइड से काउंटर पर रख दिया। लगभग बीस मिनट तक बैग लावारिस हालत में पड़ा रहा लेकिन कोई भी सुरक्षा कर्मी बैग के पास नहीं पहुंचा। पच्चीस मिनट बाद बैग को वहां से उठाते हुए हम निकले लिए।

सीन-फोर

स्थान- रेलवे स्टेशन नौ नबंर का पश्चिमी छोर

कैंटोन्मेंट आने-जाने वाले के लिए कैंट रेलवे स्टेशन के नौ नंबर का पश्चिमी छोर काफी मुफीद माना जाता है। आई नेक्स्ट टीम ओवर ब्रिज पर पहुंची तो यहां सब रामभरोसे रहा। ब्रिज पर कोई भी सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं मिला, सैकड़ों पैसेंजर की आवाजाही के बीच हम बैग को मेन रास्ते पर रखे रहे लेकिन किसी पर्सन को लावारिस बैग नहीं दिखा। लगभग आधे घंटे तक यह सिलासिला चला।

सीन-फाइव

स्थान-कैंट रेलवे स्टेशन पूर्वी छोर में लूपहोल

कैंट रेलवे स्टेशन कैंपस में इंट्री के लिए कई द्वार खुले हुए है। जिन रास्तों को रेलवे ने बंद कर दिया था, उस रास्तों को फिर से खोल दिया गया है। यहां तक की बाउंड्रीवाल को डैमेज कर संदिग्धों की आवाजाही देखने को मिली। उस टाइम नौ नंबर पर काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी रहीं, यहां आरपीएफके दो जवान संदिग्धों को देख भी रहे थे लेकिन उन्हें रोकने टोकने की जहमत नहीं उठाई। पूर्वी छोर से लेकर पश्चिमी छोर तक कई लूपहोल देखने को मिला।

सिक्योरिटी में भारी लापरवाही

आई नेक्स्ट टीम ने कुल पांच प्लेसेज पर एयर बैग लावारिस हालत में छोड़ा। सभी प्लेसेज भारी भीड़ वाले रहे और बेहद सेंसिटिव हैं। यहां सिक्योरिटी नॉर्मल डेज में भी टाइट होनी चाहिए। इतनी भीड़ के बावजूद सिक्योरिटी को लेकर बेहद लापरवाही ही नजर आई। मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर भी नहीं देखने को मिला। सुरक्षाकर्मियों द्वारा न तो किसी का सामान चेक किया जा रहा था और न ही किसी संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखी जा रही थी। पहले भी दहशतगर्द बैग में विस्फोटक रखकर तबाही मचा चुके हैं।

पलक झपकते जान होगी खतरे में

इस लापरवाही का अंजाम कितने लोगों को भुगतना पड़ सकता है इसका अंदाजा आसानी से नहीं लगाया जा सकता है। सुरक्षा व्यवस्था में एक चूक से हजारों पैसेंजर्स की जान पर आफत आ सकती है। पूरे कैंट रेलवे स्टेशन कैंपस में सिक्योरिटी नाम की चीज ही नहीं देखने को मिली। पार्सल कार्यालय के आसपास भारी भरकम से लेकर छोटे-बडे़ लगेज पड़े रहे।

-वर्ष ख्00भ् में दशाश्वमेध घाट पर ब्लास्ट हुआ था। इसे पहले तो सिलिंडर ब्लास्ट बताया गया। बाद में आतंकी घटना स्वीकार किया गया।

-वर्ष ख्00म् में संकटमोचन मंदिर कैम्पस और कैंट स्टेशन परिसर में सीरियल ब्लास्ट करके कई जानें ली गई।

-वर्ष ख्007 में कचहरी कैम्पस आतंकियों का निशाना बना। दो ब्लास्ट की धमक दूर-दूर तक गूंजी।

-वर्ष ख्0क्0 में शीतला घाट पर गंगा आरती के दौरान ब्लास्ट हुआ। इसमें एक मासूम की भी जान गयी।

अपनी सुरक्षा अपने हाथ

रेलवे स्टेशन पर सिक्योरिटी का ऐसा इंतजाम देखकर यह एहसास हो गया होगा कि अब अपनी सिक्योरिटी खुद अपने हाथ में है। आपकी एलर्टनेस ही आपकी और आपके साथ तमाम लोगों की जिंदगी बचा सकती है। इन बातों पर अमल करके अपने को रखा जा सकता है सेफ।

-ट्रेन, में सफर करने के दौरान आसपास लावारिस वस्तु दिखने पर जरूर नजर डाल लें।

-आपके इर्द-गिर्द कोई संदिग्ध व्यक्ति हो तो उसकी हरकतों की जानकारी जीआरपी व आरपीएफ को जरूर दें।

-कोई घटना या अफवाह के बाद भी संयम बनाये रखें ताकि भगदड़ की स्थिति उत्पन्न न हो।

-सिक्योरिटी इंस्ट्रक्शन को हमेशा फॉलो करें।