RANCHI: रिम्स राज्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है, जहां मरीजों के इलाज के साथ बीमारियों पर रिसर्च भी किया जाता है। अब इस मेडिकल हॉस्पिटल की उपलब्धियों में एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। जी हां, रिम्स में राज्य के सबसे बड़े आई डिपार्टमेंट रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑपथैल्मोलॉजी (आरआईओ) की शुरुआत होने जा रही है, जहां आंखों की हर छोटी से छोटी बीमारियों का इलाज होगा। वहीं लेटेस्ट मशीनों से मरीजों का ऑपरेशन भी किया जाएगा। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल से रिम्स में आंखों की समस्या से जूझ रहे मरीजों की एडवांस सर्जरी की जाएगी।

अरविंद हॉस्पिटल से आएंगे एक्सप‌र्ट्स

अरविंद आई हॉस्पिटल मदुरई को आई डिपार्टमेंट के एचओडी ने लेटर लिखकर मेंटरिंग के लिए इनवाइट किया था। इस पर उन्होंने हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया था। इससे इतना तो तय हो गया है कि अरविंद आई हॉस्पिटल के एक्सप‌र्ट्स रिम्स में मरीजों का ऑपरेशन करेंगे। वहीं आरआईओ में जो डिपार्टमेंट नहीं है उसे खोलने में मदद भी करेंगे। ऐसे में आंखों की समस्या से जूझ रहे मरीजों को हर तरह के इलाज की सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी।

सरकार के सपोर्ट की दरकार

एक अधिकारी की मानें तो सरकार और डिपार्टमेंट अगर सेंटर को खोलने और बेहतर संचालन में सपोर्ट करें तो यह देश का बेहतर आई सेंटर बन सकता है। इसके लिए जरूरत है तो मैनपावर की। जिनकी मदद से ही मरीजों को बेहतर सर्विस दी जा सकती है। चूंकि आरआईओ में वो सारी सुविधाएं अवेलेबल होंगी जो एक व‌र्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल में होनी चाहिए।

एक्सप‌र्ट्स रिम्स के डॉक्टरों को देंगे ट्रेनिंग

अरविंद हॉस्पिटल के एक्सप‌र्ट्स न सिर्फ मरीजों का ऑपरेशन करेंगे, बल्कि रिम्स में डॉक्टरों को स्पेशल केस हैंडल करने की ट्रेनिंग भी देंगे। चूंकि रिम्स में वीटीएस, पोस्ट्रीयो चैंबर का आपरेशन नहीं किया जाता है। ऐसे में डॉक्टरों की ट्रेनिंग के बाद मरीजों को आंखों की किसी भी बीमारी के इलाज के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना होगा। वहीं आंखों के इलाज में होने वाले भारी भरकम खर्च से भी निजात मिल जाएगी।

वर्जन

शासन चाहे तो बहुत जल्द इस सेंटर को चालू कर दिया जाएगा। हमलोग सीएम से मिलकर एक रिपोर्ट सौंपेंगे। मैनपावर और फैसिलिटी मिलते ही मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा। एक्सप‌र्ट्स मरीजों का आपरेशन करेंगे और यहां के डॉक्टरों को ट्रेंड भी करेंगे। इसके बाद जरूरत पड़ने पर रिम्स विजिट करते रहेंगे। इससे डॉक्टर्स खुद को अपग्रेड करेंगे।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स