पटना (एएनआई)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में बिहार चुनाव 2020 के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि यह घोषणा पत्र नहीं है। यह एक बदलाव लाने की हमारी प्रतिज्ञा है जो सच हो जाना तय है। इस घोषणा पत्र को तैयार करते समय हर क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है ताकि हम बिहार को एक खुशहाल, बेहतर और समृद्ध राज्य बना सकें।हमने रोजगार, महिला सशक्तीकरण, कृषि-उद्योग, शिक्षा, स्मार्ट गांव, पंचायती राज संस्थान, गरीबी, सामुदायिक विकास, स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों पर बात की है। इसमें बिहार के लोगों के लालू प्रसाद जी और राबड़ी देवी जी का संदेश भी दिया गया है।

शिक्षा विभाग आदि में 4.5 लाख नौकरियां खाली

राजद नेता ने कहा कि रोजगार और नौकरी में अंतर है। एक रैगपिकर भी कार्यरत है लेकिन यहां हम 10 लाख सरकारी नौकरियों के बारे में बात कर रहे हैं और यह पहली कैबिनेट बैठक के दौरान ही सच हो जाना तय है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, शिक्षा विभाग आदि में 4.5 लाख नौकरियां खाली हैं। उन्होंने कहा कि सात फीसदी जूनियर इंजीनियर खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा, अगर हमें भाजपा और दोहरे इंजन वाली सरकार की तरह नकली वादे करने होते, तो हम 50 लाख या एक करोड़ नौकरियां देने का वादा करते।

पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख नौकरियों का वादा

भाजपा बीजेपी बताएगी कि उनका सीएम चेहरा कौन है? नीतीश कुमार? नीतीश कुमार 10 लाख नौकरियां देने के लिए खड़े हुए हैं इसलिए बीजेपी कहां से नौकरियां देगी? नीतीश कुमार सबसे आगे हैं, फिर वे किसे बेवकूफ बना रहे हैं? इससे पहले, बिहार में महागठबंधन गठबंधन-राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया और सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख नौकरियों का वादा किया।

कांग्रेस ने अपने घोषण पत्र में किए ये वादे

कांग्रेस ने 20 सूत्रीय घोषणापत्र में, लड़कियों को मास्टर डिग्री तक मुफ्त शिक्षा, 12 वीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंक लाने वाली छात्राओं के लिए स्कूटी पार्टी ने मैथिली भाषा को अनिवार्य विषय स्कूल सिलेबस में शामिल करने का वादा करके एक रीजनल कार्ड खेलने की भी कोशिश की है। सभी राज्यों की राजधानी में महत्वपूर्ण रूप से मजदूर और प्रवासियों को लुभाने की कोशिश हो रही है। बिहार में तीन चरणों में पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को आयोजित होगा।