बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो
बिहार में इलेक्शन का महीना ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, लड़ाई मजेदार होती जा रही है। 'मिशन 243' में सबसे पहले कूदे स्टेट के सीएम नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के पोस्टर्स पूरी राजधानी में लगाए गए। बिहार में बहार हो नीतीशे कुमार हो, बहुत हुआ जुमलों का वार फिर एक बार नीतीश कुमार, सबको सम्मान और अधिकार फिर एक बार नीतीश कुमार, अपराधमुक्त रहे बिहार फिर एक बार नीतीश कुमार जैसे पोस्टर पूरी राजधानी में पटे हैं। इसी क्रम में नीतीश कुमार ने अपने महाअभियान घर-घर दस्तक की भी शुरुआत की, जिसके तहत घर-घर जाकर उन्होनें इलेक्शन कैम्पेन को शुरू किया है। हालांकि इसके जवाब में बीजेपी कोई खास कैम्पेन नहीं शुरू कर पाई है। कुछ जगहों पर इस बार भाजपा सरकार के पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ जगह-जगह ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं.

नीतीश पोस्टर से गायब
नीतीश के पोस्टर्स वार के जवाब में अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी कूद पड़े हैं। न जुमलों वाली, न जुल्मी सरकार, गरीबों को चाहिए अपनी सरकार। इस होर्डिंग में राबड़ी देवी को जगह दी गई, पर नीतीश कुमार उसमें से गायब हैं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने भी अपने कैंपेन में लालू को कहीं स्पेस नहीं दिया है। इस पोस्टर के नारे के पंच लाइन में 'जुमलों वालीÓ का मतलब तो सभी समझ रहे हैं, पर 'जुल्मी सरकारÓ को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। गौरतलब है कि जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, गठबंधन के बीच खटास भी बढ़ती जा रही है. 

चंदन विष व्यापत नहीं
दो दिन पहले नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आस्क नीतीश कैंपेन के तहत एक यूजर सुनील वी चांडक के सवाल पर जवाब रहीम के दोहे से दिया था-चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग उस शख्स का सवाल था कि आप लालू जी के संग हैं और अगर चुनाव में उन्हें ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो आप कैसे सुशासन दे सकेंगे? जवाब में नीतीश ने कहा- जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग, चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। बात जब लालू प्रसाद तक गई तो लालू प्रसाद ने सवाल पूछने वाले को दुष्ट बता दिया। हालांकि बाद में नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा लालू के लिए नहीं, बीजेपी के  बारे में कहा था.


लम्बे अरसे से नीतीश को जानने के बाद मुझे इस गठबंधन का अंत असंभव भी नहीं लग रहा है। दरअसल नीतीश को गुड़ खाने में परहेज नहीं है, लेकिन गुलगुला वे कभी नहीं खाएंगे। अपने को दुनिया भर में सबसे ज्यादा पाक-साफ समझने वाले नीतीश कुमार को लगता है कि लालू के साथ दिखाई देने पर उनकी धवल छवि में दाग लग जाएगा. 
शिवानंद तिवारी, वयोवृद्ध नेता बिहार  

बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो
बिहार में इलेक्शन का महीना ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, लड़ाई मजेदार होती जा रही है। 'मिशन 243' में सबसे पहले कूदे स्टेट के सीएम नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के पोस्टर्स पूरी राजधानी में लगाए गए। बिहार में बहार हो नीतीशे कुमार हो, बहुत हुआ जुमलों का वार फिर एक बार नीतीश कुमार, सबको सम्मान और अधिकार फिर एक बार नीतीश कुमार, अपराधमुक्त रहे बिहार फिर एक बार नीतीश कुमार जैसे पोस्टर पूरी राजधानी में पटे हैं। इसी क्रम में नीतीश कुमार ने अपने महाअभियान घर-घर दस्तक की भी शुरुआत की, जिसके तहत घर-घर जाकर उन्होनें इलेक्शन कैम्पेन को शुरू किया है। हालांकि इसके जवाब में बीजेपी कोई खास कैम्पेन नहीं शुरू कर पाई है। कुछ जगहों पर इस बार भाजपा सरकार के पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ जगह-जगह ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं।

नीतीश पोस्टर से गायब
नीतीश के पोस्टर्स वार के जवाब में अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी कूद पड़े हैं। न जुमलों वाली, न जुल्मी सरकार, गरीबों को चाहिए अपनी सरकार। इस होर्डिंग में राबड़ी देवी को जगह दी गई, पर नीतीश कुमार उसमें से गायब हैं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने भी अपने कैंपेन में लालू को कहीं स्पेस नहीं दिया है। इस पोस्टर के नारे के पंच लाइन में 'जुमलों वाली' का मतलब तो सभी समझ रहे हैं, पर 'जुल्मी सरकार' को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। गौरतलब है कि जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, गठबंधन के बीच खटास भी बढ़ती जा रही है।

चंदन विष व्यापत नहीं
दो दिन पहले नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आस्क नीतीश कैंपेन के तहत एक यूजर सुनील वी चांडक के सवाल पर जवाब रहीम के दोहे से दिया था-चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग उस शख्स का सवाल था कि आप लालू जी के संग हैं और अगर चुनाव में उन्हें ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो आप कैसे सुशासन दे सकेंगे? जवाब में नीतीश ने कहा- जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग, चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। बात जब लालू प्रसाद तक गई तो लालू प्रसाद ने सवाल पूछने वाले को दुष्ट बता दिया। हालांकि बाद में नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा लालू के लिए नहीं, बीजेपी के बारे में कहा था।

'लम्बे अरसे से नीतीश को जानने के बाद मुझे इस गठबंधन का अंत असंभव भी नहीं लग रहा है। दरअसल नीतीश को गुड़ खाने में परहेज नहीं है, लेकिन गुलगुला वे कभी नहीं खाएंगे। अपने को दुनिया भर में सबसे ज्यादा पाक-साफ समझने वाले नीतीश कुमार को लगता है कि लालू के साथ दिखाई देने पर उनकी धवल छवि में दाग लग जाएगा।'
-शिवानंद तिवारी, वयोवृद्ध नेता बिहार

Report by : Sanjeet Mishra
sanjeet.narayan@inext.co.in