नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में राघोपुर सीट से उनके घरेलू मैदान में हराने के लिए व्यापक योजना बनाई है। राजद के शीर्ष नेता महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। राघोपुर विधानसभा से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार भाजपा से होगा क्योंकि यह सीट उसके सहयोगी दल जनता-यूनाइटेड (JDU) के साथ सीट-बंटवारे में उसके खाते में आई है। हालांकि भाजपा को इस सीट से अपने उम्मीदवार को अंतिम रूप देना बाकी है।

बूथ पर ब्लॉक स्तर तक के कार्यकर्ताओं से राय ली जा रही

बिहार के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने एएनआई से बात करते हुए नाम न छापने की शर्त पर, कहा कि वैशाली जिले के राघोपुर सीट से तेजस्वी की हार सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति पर काम किया गया है, जहां से वह मौजूदा विधायक भी हैं। बिहार भाजपा ने राघोपुर विधानसभा सीट पर जमीन पर दिन-रात काम करने वाले दर्जनों समर्पित कैडरों की प्रतिनियुक्ति की है। वे जातिगत समीकरण पर काम कर रहे हैं, साथ ही एनडीए उम्मीदवार की जीत की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए बूथ पर ब्लॉक स्तर तक के कार्यकर्ताओं से भी राय ले रहे हैं।

2010 राजद की राबड़ी देवी भी सीट पर हार चुकी है

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि कैडरों को भी प्रेरित किया जा रहा है कि राजद के शीर्ष नेता अजेय नहीं हैं। अगर बीजेपी के कैडर कड़ी मेहनत करते हैं तो निश्चित रूप से तेजस्वी को आगामी चुनावों में कठिन समय का सामना करना पड़ेगा। सूत्र ने आगे कहा कि पिछले साल हुए आम चुनावों में राजद ने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में महज 242 वोटों की बढ़त दर्ज की थी। वहीं इसके पहले 2010 के विधानसभा चुनावों में, तेजस्वी की मां और राजद की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी भी सीट पर जदयू के तत्कालीन उम्मीदवार सतीश कुमार से हार गई थीं।

भाजपा इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कराना चाहती है

भाजपा को आगामी चुनावों में अपने प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है। बीजेपी नेताओं का मानना ​​है कि एनडीए आगामी विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य नेतृत्व के नाम पर भारी जीत दर्ज कर सकता है।जेडीयू को 122 सीटें और बीजेपी को बिहार विधानसभा चुनाव में 121 सीटें मिली हैं। जेडीयू ने जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली एचएएम को अपनी 122 सीटों में से सात सीटें दी हैं, जबकि भाजपा ने 121 सीटों के अपने हिस्से में से 11 सीटें विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) को दी हैं।