- आवश्यकता से अधिक लोग हैं सर्किल ऑफिस में डेप्यूटेशन पर

-पटना जीपीओ में वर्षो से जमे हैं कई कर्मचारी

PATNA: भ्रष्टाचार को देश से उखाड़ फेंकने की बात केंद्र सरकार करती है। खुद प्रधानमंत्री मोदी इसे देश की विकास में सबसे बड़ी बाधा मानते हैं, पर पटना स्थित जीपीओ यानी मेघदूत भवन में ही सबसे अधिक भ्रष्टाचार व्याप्त है।

होता है सिर्फ डेप्यूटेशन का काम

मेघदूत भवन में सर्किल ऑफिस स्थित है। यहां सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव काम होता है। जितने डिविजनल ऑफिस हैं, वे सर्किल ऑफिस को ही रिपोर्ट करते हैं। सूत्रों की मानें, तो क्लर्क के लिए यहां सैंक्शन स्ट्रेंथ 70 है, पर लगभग क्फ्0 लोग काम करते हैं। लगभग तीस अतिरिक्त लोगों को डेप्यूटेशन पर लाया गया है। हैरत की बात तो ये है कि पटना जीपीओ के भी लगभग पांच लोग सर्किल ऑफिस में डेप्यूटेशन पर हैं।

डेप्यूटेशन के खेल में नियम ताक पर

डेप्यूटेशन का नियम है कि जो भी व्यक्ति जहां भी डेप्यूटेशन पर होगा, उसकी सैलरी वहीं से बनेगी, उसे लीव वहीं से मिलेगा और उसका सर्विस बुक भी उसी स्थापना में होगा। लेकिन सर्किल ऑफिस में डेप्यूटेशन पर काम कर रहे कर्मियों के उपर एक भी नियम लागू नहीं किया जा रहा है। तीन साल से अधिक समय से ये लोग डेप्यूटेशन पर यहां जमे हुए हैं, जबकि नियम है कि तीन साल से अधिक समय से कोई भी एक जगह डेप्यूटेशन पर नहीं रह सकता है। आश्चर्य की बात तो यह कि जितने भी लोगों को यहां डेप्यूटेशन पर लाया गया है, वे सारे के सारे डिविजनल कैडर के इंप्लॉई हैं, जबकि डिविजनल कैडर और सर्किल कैडर के नेचर ऑफ जॉब में काफी अंतर है। दबी जुबान लोग यह भी कहते हैं कि जितने भी लोग यहां डेप्यूटेशन पर हैं, वे अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंधी हैं। सर्किल ऑफिस में पटना, सहरसा, छपरा, मुंगेर, भोजपुर, आरएमएस सहित कई जिलों से लोगों को डेप्यूटेशन पर लगाया गया है।

इनका जवाब कौन दगा?

क्। जिस डिवीजन से लोगों को यहां डेप्यूटेशन पर लाया गया है अगर वहां इनकी आवश्यकता नहीं थी, तो वहां इनकी पोस्टिंग क्यों की गयी?

ख्। अगर सर्किल ऑफिस में वाकई 70 से अधिक लोगों की आवश्यकता है, तो पिछले कई वर्षो से यहां के लिये वैकेंसी क्यों नहीं आ रही है?

फ्। पटना सहित हर जिले के डाकघर में मैनपॉवर की कमी क्यों है?

ब्। कमी के बावजूद पटना सहित अन्य डाकघरों से मैन पॉवर को डेप्यूटेशन पर सर्किल ऑफिस में क्यों लाया गया है?

गलत इंफॉर्मेशन है आपके पास। चार पांच लोग ही हैं यहां डेप्यूटेशन पर। वैसे मैं ऑथराइज नहीं हूं, इन चीजों का जवाब देने के लिए।

ए.एस प्रसाद, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल