पटना (ब्यूरो)। हाल के वर्षों में आधे दर्जन से अधिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक हुए हैं। इससे युवा के मन में सरकार के प्रति एक टीस पैदा हो गई है। बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर प्रश्न पत्र लीक मामले में ठोस नीति आज तक क्यों नहीं बनी। लगातार हो रहे प्रश्न पत्र लीक से हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में है। एक समय नारा दिया गया था कि बिहार में बहार है नीतीश कुमार है। 2 साल बीत जाने के बाद युवाओं को यह नारा बेईमानी लग रहा है। अब वह कह रहे हैं कि बिहार में बहार है पढ़ल लिखल बेकार है, नौकरी के लिए जुगाड़ है।

पेपर लीक होने से यूथ परेशान
बिहार के लाखों स्टूडेंट्स हर साल अपने आंखों में सपने लिए राजधानी पटना आते हैं। कई साल मेहनत के बाद जब छात्र परीक्षा में सम्मिलित होते हैं तो उनकी उम्मीदों पर तब पानी फिर जाता है जब उनके सामने पेपर लीक की खबर आती हैं। कमोवेश बिहार के तमाम परीक्षाओं का हाल एक ही जैसा है।

इन-इन एग्जाम के पेपर हुए लीक
1. बिहार पुलिस भर्ती 2017, 14 मार्च 2021 और 21 मार्च 2021 को पेपर संपन्न हुए। लेकिन एग्जाम के पेपर लीक हुए।

2. 27 फरवरी 2022 को आयोजित उत्पाद पुलिस के एग्जाम के पेपर लीक हुए।

3. 28 फरवरी 2022 को फायरमैन की एग्जाम हुई और पेपर लीक की खबर सामने आई

4. बिहार दारोगा 2017, 2019 और 2022 की परीक्षा के दौरान भी एग्जाम के पेपर लीक की खबर सामने आई।

5. बर्ष 2017 में एसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी हुई और पेपर लीक हुआ। एक आईएएस अधिकारी जेल भी गए।

6. बर्ष 2012 में भी एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र दो बार लीक हुए।

7. इस बार तो तमाम पिछले रिकॉर्ड टूट गए और राज्य स्तर की सर्वोच्च परीक्षा को भी शिक्षा माफियाओं ने कलंकित कर दिया और बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र को भी लीक कर दिया गया।

समय के साथ भविष्य भी बर्बाद
नौकरी पाना युवाओं के लिए सपना बन गया है। कोई ऐसी परीक्षा नहीं होती है जिसके प्रश्न पत्र लीक नहीं होते। बीपीएससी के पेपर लीक हो गए। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। युवा खुदको असहाय महसूस कर रहे हैं। ऐसा कोई एग्जाम नहीं जो बिना कोर्ट गए पूरा होता हो। पिछले कुछ सालों में शायद ही कोई परीक्षा ऐसी हुई होगी जिसके प्रश्न पत्र लीक नहीं हुए होंगे। हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

ठोस नीति नहीं इसलिए होते प्रश्न पत्र लीक
जिस तरह से बिहार की परीक्षाओं में पेपर लीक का कलंक लग रहा है इससे युवा परेशान हैं। साथ ही सवाल पूछा जा रहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकार कैसे 19 लाख लोगों को रोजगार दे पाएगी युवाओं के साथ ही विपक्ष भी इस तरह के मामलों को लेकर सरकार पर हमलावर है।

चार लाख से ज्यादा यूथ हुए थे शामिल
बीपीएससी की 67वीं प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए 802 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है। बीपीएससी की इस परीक्षा का आयोजन बिहार के 1,083 केंद्रों में 8 मई को किया जा रहा था। इस परीक्षा के लिए करीब 6 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। बिहार में 1083 केंद्रों पर 75 प्रतिशत परीक्षार्थियों की उपस्थिति रही। हालांकि परीक्षा में शामिल होने के लिए पांच लाख 18 हजार छात्रों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया था। चार लाख से ज्यादा युवा परिक्षा में शामिल हुए थे। सूत्रों की माने तो 30 जून के अंदर फिर से परीक्षा कदाचार मुक्त से कराई जायेगी । इस संबंध में बीपीएससी के सचिव जीउत सिंह पहली बार चार लाख से ज्यादा स्टूडेंट शामिल हुए । इसके लिए काफी नए सेंटर को शामिल करना पड़ गया। कहीं ना कहीं सिस्टम की चूक हुई है तब जाकर प्रश्नपत्र लीक हुई । अब इसकी पूर्णावृत्ति नहीं होगी ।