पटना ब्यूरो। पटना में स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले छात्रों पर अब सर्टिफिकेट केस की तैयारी चल रही है। इसमें कुल 200 लाभुक शामिल हैं। दरअसल, यह कार्रवाई उन छात्रों पर होने जा रही हैं जिन्होंने स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड से अपनी पढ़ाई तो पूरी कर ली या बीच में छोड़ दी, लेकिन पांच साल बाद भी रकम नहीं चुकाया। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि एक भी किस्त नहीं चुकाने वाले इन छात्रों के खिलाफ बिहार राज्य वित्त निगम की अनुशंसा पर जिला प्रशासन ने 25 जनवरी को सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है।

लगभग 22 हजार स्टूडेंट ने लिया है लोन
डीआरसीसी के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर छात्रों ने 2018 में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत तकनीकी शिक्षा और प्रबंधन से जुड़े विषयों की पढ़ाई के लिए लोन लिया था। बिहार सरकार के सात निश्चय योजना के तहत लगभग 20 हजार छात्रों को लोन की रकम वापस करने के लिए नोटिस भेजा गया है। यदि हम पटना जिला की बात करें तो लगभग 21 हजार 940 छात्रों ने पढ़ाई के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लिया है। इनमें अधिकतर इंजीनियरिंग, प्रबंधन और कंप्यूटर कोर्स से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं।

इस वजह से किया जा रहा है केस
दरअसल बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए लोन देकर पढ़ाई पूरी कराई जाती है और नौकरी लगने के बाद उनको सरकार को फिर वह रुपया वापस जमा करना होता है। लेकिन जिले के कई छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी होने के बाद उनकी नौकरी भी लग चुकी है। लेकिन उन छात्र छात्राओं ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लोन की किश्त अब तक जमा नहीं किये हैं। इसको लेकर कई बार उन्हें नोटिस भी दे गई लेकिन उन नोटिस का उन लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया। विभाग वैसे चिन्हित छात्र-छात्राओं पर अब नकेल कस रही है। उन छात्र-छात्राओं पर सर्टिफिकेट केस किया जा रहा है।

सबसे अधिक पटना जिले के छात्र
लोन वापस नहीं करने वाले छात्रों में से सबसे अधिक 1,889 पटना जिले से हैं। पटना के अलावा अररिया के 1150, समस्तीपुर के 925, मुजफ्फरपुर के 873, गया के 866, सीवान के 1200 और सुपौल जिले के 823 छात्र शामिल हैं।

एक साल का मिलता है समय
छात्रों ने जिला बीएसएफसी की मंजूरी के बाद बिहार सरकार की विशेष परियोजना स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पॉलिसी के तहत पढ़ने के लिए लोन लिया था। इस सुविधा के तहत छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद और नौकरी मिलने के बाद बिना किसी ब्याज के निगम को लोन वापस करने के हकदार होते हैं। बीएसएफसी लोन चुकाने के लिए एक साल का समय देता है।

नौकरी नहीं मिले तो ये काम करें
बीएसएफसी उन विद्यार्थियों को भी सुविधा देता है जो अपनी पढ़ाई की अवधि खत्म होने के बाद नौकरी पाने में असफल रहे, लेकिन परीक्षा पास कर ली। ऐसे विद्यार्थियों को हर छह महीने में बीएसएफसी के समक्ष ऑनलाइन हलफनामा दाखिल करना होगा अब तक 4350 छात्रों ने इस श्रेणी के तहत बीएसएफसी के पास हलफनामा दायर किया है।

छात्र से चार व छात्रा से एक प्रतिशत लिया जाता है ब्याज
उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विभाग की यह अच्छी योजना है। इसमें पढ़ाई पूरी करने के बाद आसान किश्तों पर ऋण की आदायगी करनी होती है। इस पर ब्याज भी पढ़ाई के बाद लिया जाता है। इसके तहत महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और विकलांगों के लिए ब्याज दर एक प्रतिशत और छात्र से चार प्रतिशत ब्याज की वसूली की जाती है।

यह कार्रवाई वित्त विभाग के द्वारा की जाती है। इस संदर्भ में उचित जानकारी बीएसएफसी के अधिकारी ही दे पाएंगे।
— कुमारी पूनम पाल, डीआरसीसी